Rewa. रीवा में स्कूलों में अनुदान घोटाले की हाई लेवल जांच शुरू हो गई है। 4 करोड़ 41 लाख के गबन के मामले में भोपाल से गठित टीम के दो सदस्यों ने रीवा में सोमवार को आदम दर्ज करा दी थी। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में दोनों अधिकारी दिन भर डटे रहे। रिकार्ड की जांच-पड़ताल करते रहे।
सारे रिकॉर्ड तलब करने के निर्देश
जांच टीम ने वरिष्ठ लिपिक को रिकॉर्ड उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी। टीम को पहले दिन पूरी जानकारी नहीं मिल पाई थी। सदस्यों ने वरिष्ठ लिपिक को एक लिस्ट थमाकर जानकारी मांगी थी।
अनुदान राशि के भुगतान में फर्जीवाड़ा
रीवा के शिक्षा विभाग में अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों को अनुदान राशि के भुगतान में फर्जीवाड़ा किया था। महालेखाकार ग्वालियर की ऑडिट में आपत्ति सामने आई थी। 2018 से 2019 के बीच में सिर्फ 70.67 लाख गबन की आपत्ति आई थी। जब तत्कालीन कलेक्टर ने मामले की स्थानीय स्तर पर टीम बनाकर जांच कराई तो यह महाघोटाला बनकर सामने आया था। अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों के एरियर और वेतन घोटाले में ही 2 करोड़ 18 लाख 39 हजार 901 रुपए का गबन मिला था।
फर्जीवाड़े में करीब 24 लोगों पर हुई थी FIR
इसके अलावा कई स्कूलों को बिना सामानों की सप्लाई के ही बिल बाउचर पास करा लिए। इससे करीब 2 करोड़ 23 लाख का गबन किया गया। इस फर्जीवाड़ा में करीब 24 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसी मामले में अब फिर से हाई लेवल जांच बैठा दी गई है। चार सदस्यों की टीम जांच के लिए गठित की गई है। इसमें से दो सदस्यों ने रीवा में आदम दे दी है। सोमवार से टीम के सदस्यों ने जांच भी शुरू कर दी है। सूत्रों की मानें तो पहले दिन अनुदान राशि के भुगतान से जुड़े हुए सारे रिकॉर्ड तलब किए गए।