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योगेश राठौर, INDORE. मध्य प्रदेश में निकाय चुनाव के नतीजों का इंतजार शुरू हो गया है। हमेशा अपने संगठन को आगे रखकर चुनाव जीतने वाली बीजेपी इस बार आशंकित है। सब दबे सुर में मान रहे हैं कि लीड कम होगी। वहीं, कांग्रेस अपने सर्वे के आधार पर दावा कर रही है कि वह जीत रही है। बीजेपी का नगर संगठन कम वोटिंग को लेकर पहले ही राज्य निर्वाचन आयोग पर ठीकरा फोड़ चुका है। लेकिन खुद बीजेपी का ही संगठन इतना बड़ा है, उसकी सक्रियता पर सभी ने चुप्पी साध ली है।
बीजेपी से ही मिली जानकारी के अनुसार, संगठन के इंदौर जिले में 6 लाख 66 हजार 140 सदस्य है। निगम चुनाव की बात करें तो महापौर पद के लिए 11 लाख 17 हजार वोट पडे़ यानी जितने पार्टी के सदस्य है, वहीं वोट उनके पक्ष में चले जाएं तो बीजेपी आसानी से जीत जाएगी। लेकिन सभी ने वोट डाले या नहीं और डाले भी है तो अपनी ही पार्टी को? इन सभी सवालों के जवाब 17 जुलाई को मिलेंगे।
बूथ के लिए ही 4000 सदस्यों से ज्यादा की कमेटियां
निगम चुनाव के लिए इंदौर में 2250 बूथ बने थे। बीजेपी हर बूथ के लिए एक कमेटी बनाकर रखती है। क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा वोटिंग कराना, अपने समर्थकों के नाम जुड़वाना और अन्य समस्याओं को सुलझाना इसकी जिम्मेदारी होती है। अध्यक्ष और संयोजक मिलाकर ही चार हजार से ज्यादा लोगों की कमेटियां हैं। सामान्य तौर पर बूथ पर पन्ना प्रभारी और अन्य मिलाकर 15 से 21 लोगों की कमेटी होती है। यदि इस गणित से देखें तो 40 हजार से ज्यादा सदस्यों का संगठन हो गया, लेकिन इसके बाद भी बीजेपी वोटिंग प्रतिशत नहीं बढ़ा सकी।
हमारा हर सदस्य सक्रिय
इंदौर बीजेपी के नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे के मुताबिक, पार्टी ने चुनाव पूरी तैयारी से लड़ा। हमारा हर सदस्य सक्रिय रहा। वोटिंग प्रतिशत पहले भी कम रहा है। कम वोटिंग होने का कारण राज्य निर्वाचन आयोग स्तर पर हुई चूक है। पार्टी स्तर पर सभी ने बढ़िया काम किया, हम बड़ी लीड से चुनाव जीतेंगे।