ओपी नेमा, नरसिंहपुर. आयकर विभाग (Income tax raid) की टीम ने मध्यप्रदेश में ताबड़तोड़ कार्रवाई की। आईटी की टीम ने भोपाल, नरसिंहपुर और जबलपुर में 16 ठिकानों पर छापेमारी की। नरसिंहपुर में आईटी ने महाकौशल शुगर मिल परिसर और ऑफिस में रेड मारी। टैक्स चोरी और वित्तीय लेनदेन में गड़बड़ी की आशंका के चलते 21 मार्च को ये कार्रवाई की गई। ये शुगर मिल डॉ. नवाब रजा का है। इस कार्रवाई से शिवराज कैबिनेट (shivraj cabinet) के दो मंत्रियों की मुसीबत भी बढ़ सकती है। सूत्रों का दावा है कि नवाब रजा के बेटे के साथ एक मंत्री का बेटा चंबल संभाग में एथेनॉल के प्लांट में निवेश कर रहे हैं। दूसरे मंत्री की नवाब के साथ स्मार्ट सिटी के बड़े प्लॉट में पार्टनरशिप है। रेड में आईटी की टीम को टैक्स चोरी के दस्तावेज मिले हैं।
आईटी टीम ने जबलपुर की कटंगा एपीआर कॉलोनी के रहने वाले शक्कर और ऑयल के थोक व्यापारी भरत चिनानी और सुरेश हथवानी के ठिकानों पर भी कार्रवाई की। आरोप है कि टैक्स बचाने के लिए ये लोग नौकरों के नाम पर थोक व्यापार कर रहे थे। प्रारंभिक आकलन में व्यापारी के घर से बड़ी मात्रा में गोल्ड, हीरे, ज्वेलरी समेत दस्तावेज जब्त हुए हैं। आईटी टीम को 100 करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी की आशंका है। जानकारी के मुताबिक, सुबह करीब 5 बजे भोपाल और जबलपुर से आयकर विभाग (Income tax department) के करीब 22 अधिकारी पांच वाहनों में सवार होकर नरसिंहपुर जिले के बचई गांव स्थित महाकौशल शुगर मिल के परिसर में पहुंचे। यहां वे मिल का मेन गेट खुलने का इंतजार करते रहे। सुबह करीब नौ बजे जैसे ही मिल का मेन गेट खुला। आईटी की टीम (IT Raid narshingpur) ने रेड शुरू कर दी।
वित्तीय दस्तावेजों की जांच: IT टीम ने मिल के अकाउंट विभाग के अलावा गन्ना खरीदी-भुगतान, मजदूरों का भुगतान, वित्तीय लेनदेन से संबंधित सभी दस्तावेज अपनी गिरफ्त में ले लिए। दोपहर 12 बजे के आसपास इन्हीं में से चार अधिकारी एक कार से नरसिंहपुर शहर स्थित मिल के दफ्तर पहुंचे। यहां सभी कर्मचारियों को एक कमरे में बैठाकर कंप्यूटरों को अपने कंट्रोल में लिया। इसमें लेजर बुक से लेकर मिल से संबंधित तमाम रिकॉर्ड शामिल हैं। कार्रवाई को लेकर दबिश देने वाले अधिकारियों ने जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया है। हालांकि उनका इतना भर कहना था कि मिल के भोपाल में स्थित हेड ऑफिस समेत इसके संचालक नवाब रजा के विभिन्न ठिकानों पर भी कार्रवाई की गई है। दस्तावेजों की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
मिल संचालकों और प्रशासन में तनातनी: गौरतलब है कि महाकौशल शुगर मिल पर परिवहन विभाग भी पिछले एक साल से टैक्स चोरी का आरोप लगा रहा है। मामला मिल में लगे ट्रालों का है, जिसका न तो मिल संचालकों ने पंजीयन कराया है, न ही इसका कोई बीमा ही है। इसे लेकर पिछले एक साल से परिवहन विभाग व मिल संचालकों के बीच तनातनी चल रही है। प्रकरण में परिवहन विभाग ने शासन स्तर तक अपनी रिपोर्ट सबमिट की थी। इसलिए माना जा रहा है कि आयकर की दबिश में टैक्स चोरी की पड़ताल अहम है।