Jabalpur. बिशप पीसी सिंह के काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा खुलने के बाद बिशप से जुड़ी मिशनरी संस्था को आवंटित नेपियर टाउन इलाके की प्राइम लोकेशन की 1 लाख 70 हजार वर्गफिट से ज्यादा जमीन को शासन ने अपने नाम दर्ज करा लिया था। जमीन पर मौजूद कब्जाधारियों को जमीन खाली करने की दी गई मियाद खत्म हो जाने के बाद गुरूवार को जिला प्रशासन की टीम ने उक्त जमीन पर मौजूद सदभावना भवन को सील करते हुए ताकीद दी है कि भूमि पर काबिज अन्य संस्थाएं जल्द से जल्द जमीन खाली कर दें।
संस्था ने लगाई थी हाईकोर्ट में याचिका
उक्त भूमि के लीज आवेदन को निरस्त करने के शासन के आदेश को चुनौती देने यूनाइटेड चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया द्वारा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने दीपावली के अवकाश के दिन भी याचिका पर सुनवाई की और उसे खारिज कर दिया था। जिसके बाद प्रशासनिक कार्रवाई होना तय माना जा रहा था, लेकिन प्रशासन ने बिना कोई लेटलतीफी के सदभावना भवन को सील कर अन्य कब्जाधारियों को कड़ा संदेश दे दिया है।
अग्रिम कार्रवाई के लिए डीएम को सौंपेंगे प्रतिवेदन
कार्रवाई के दौरान मौजूद तहसीलदार रांझी ने बताया कि अग्रिम कार्रवाई के लिए जिला कलेक्टर को प्रतिवेदन दिया जाएगा जिसके बाद शासन जो उचित समझेगा वह कार्रवाई करेगा।
ये संस्थान हैं भूमि पर काबिज
शासन मद में दर्ज हो चुकी इस 1 लाख 70 हजार वर्गफिट से ज्यादा भूमि पर आशा विकास केंद्र का दफ्तर, भारतीय खाद्य निगम का दफ्तर, इंडियन ओवरसीज बैंक और एटीएम के अलावा सदभावना भवन काबिज है। अभी प्रशासन ने सदभावना भवन को सील किया है।
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