/sootr/media/post_banners/c00b96cdd7a5555cb241824eac544591bba05a9cf3d08430ce02efc9023ce7c1.jpeg)
Seoni, Vinod Yadav. मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में आयुष्मान कार्ड और मनरेगा के कार्यों में प्रोगेस न लाने पर आधा सैकड़ा से ज्यादा अधिकारी कर्मचारियों का 7 से 22 दिन तक का वेतन कटने से कर्मचारी नाराज हो गए हैं। इस मामले को लेकर कर्मचारियों ने सामूहिक रूप से बैठक लेकर विरोध प्रदर्शित करते हुए जिला पंचायत सीईओ को ज्ञापन भी सौंपा लेकिन जिला पंचायत सिवनी ने उनकी एक नहीं सुनी और कम प्रोग्रेस को लेकर लताड़ भी लगाई। पहले कर्मचारियों का 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष रमेश यादव की अगुवाई में पहले पांच सदस्य जिला सीईओ से मिलने गए थे उसके बाद जिला सीईओ द्वारा पूरे कर्मचारी को बुलाया गया और कम प्रोग्रेस को लेकर लताड़ लगाई ओर सभी कर्मचारियों को बारीकी से समीक्षा करने के लिए शुक्रवार को बैठक बुलाई है।
कर्मचारियों मे नाराजगी,सीईओ ने कहा निजी मामला
पंचायत सचिव,पंचायत समन्वयक,इंजीनियर,एसडीओ सहित एपीओ मिलाकर 55 से ज्यादा अधिकारी कर्मचारियों का वेतन कटने से कर्मचारियों मे भारी आक्रोश है। संयुक्त मोर्चा के रमेश यादव सहित कुरई मे पदस्थ सब इंजीनियर सिध्दार्थ पांडेय,योगेंद्र कुमरे,उमेश सनोडिया,अमित बरकड़े,मुकेश दुबे निखिल भांगरे का कहना है कि जिला सीईओ द्वारा जबरदस्ती कर्मचारियों का वेतन काट रहे हैं जो गलत बात है। सारे कर्मचारियों को विरोध करना चाहिए। वहीं जिला सीईओ कर्मचारियों के आक्रोश पर विभाग का निजी मामला बता रहे है। उनका कहना है कि कम प्रोग्रेस के चलते उनका भुगतान काटा गया है। हम आपको बता दें कि सिवनी जिले में लगातार बारिश हो रही है जिससे चलते मजदूर भी मनरेगा के काम में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं ऐसे में पंचायतों में मजदूरों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है जिसके चलते मनरेगा के कार्य में प्रोग्रेस कम आ रही है जिसका खामियाजा तकनीकी अमले को भुगतना पड़ रहा है।
बाहर आकर कर्मचारी बोले आंदोलन ही बेहतर
सीईओ की फटकार खाकर बाहर आए इंजीनियरों का कहना था कि आवेदन निवेदन करने से तो अच्छा आंदोलन करना था ताकि किसी अधिकारी कर्मचारी की वेतन काटने की हिम्मत नहीं होती। सीईओ जिला पंचायत सिवनी पार्थ जयसवाल का कहना है कि कर्मचारी द्वारा मनरेगा और आयुष्मान कार्ड में प्रोग्रेस न ला पाने के कारण उनकी सैलरी में कटौती की गई है फिलहाल विभाग का निजी मामला है।