उज्जैन. सरकारी स्कूल का शिक्षक करोड़पति निकला। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की टीम ने छापा मारा तो यह खुलासा हुआ। महज 750 रुपये के वेतन पर अनुकंपा नियुक्त में लगे इस सरकारी कर्मचारी के पास करोड़ों की जमीन और वाहन आदि मिले हैं।
आय से अधिक संपत्ति का मामला: जानकारी के मुताबिक ईओडब्ल्यू की टीम ने 9 मार्च को सुबह शासकीय महाराजवाड़ा स्कूल के सहायक शिक्षक धर्मेंद्र चौहान के घर पर छापा मारा। आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिलने पर यह कार्रवाई की गई। शुरुआती जांच में टीम को लिपिक के घर करोड़ों रुपए मूल्य की जमीन, मकान, गोदाम, चारपहिया वाहन, ट्रैक्टर के साथ नकदी व जेवरात मिले हैं। एक बैंक लॉकर के संबंध में भी जानकारी मिली है। ईओडब्ल्यू एसपी दिलीप सोनी के अनुसार धर्मेंद्र चौहान वर्ष 1994 में अनुकंपा नियुक्ति के माध्यम से नौकरी पर लगा था।
नियुक्ति के दौरान उसका वेतन 750 रुपए प्रति माह था। वर्तमान में से 35 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिल रहा है। उसके पास पैतृक जमीन के अलावा नौकरी में आने के बाद खरीदी गई जमीन व संपत्ति के बारे में जानकारी मिली है। अभी जांच चल रही है। यह बात सामने आई है कि लिपिक चौहान वर्ष 2005 तक जिला पंचायत अध्यक्ष का पीए रह चुका है। इस दौरान उसने कई संपत्तियां अर्जित की हैं। कार्रवाई पूरी होने के बाद विस्तृत जानकारी मिल सकेगी।
आलीशान मकान और करोड़ों की जमीन: धर्मेंद्र चौहान अंकपात मार्ग स्थित श्रीकृष्ण कॉलोनी में रहता है। वह शासकीय महाराजवाड़ा स्कूल क्रमांक-2 में सहायक शिक्षक है। महालक्ष्मी कॉलोनी में आलीशान मकान,बड़नगर स्थित ग्राम धरेड़ी में करोड़ों की जमीन, ट्रैक्टर,थ्रेशर मशीन, स्कार्पियो व स्विफ्ट कार के साथ यूको बैंक में लॉकर का रिकॉर्ड मिल गया। टीम ने उसका सर्विस रिकॉर्ड खंगाला तो पता चला कि धर्मेंद्र के पिता अंतर सिंह शिक्षक थे। उनकी मौत के बाद धर्मेंद्र की 1994 में अनुकंपा नियुक्ति हुई थी। ईओडब्ल्यू टीम के अनुसार देर शाम तक कार्रवाई का पूरा ब्यौरा सामने आ सकेगा।