ललित उपमन्यु, इंदौर. यहां के कृषि कॉलेज में पिछले एक हफ्ते से डीन के पद को लेकर घमासान मचा हुआ है। राजमाता विजयाराजे कृषि विवि (ग्वालियर) की प्रथम श्रेणी अधिकारियों की 7 पदों में हुई भर्ती को लेकर कुछ दिन पहले विधानसभा में मामला उठा था। इनमें इंदौर कृषि कॉलेज के डीन डॉ. शरद चौधरी की नियुक्ति भी शामिल थी। सरकार ने नियुक्तियों को गलत मानकर सभी को हटाने के आदेश करीब एक हफ्ते पहले दे दिए थे। इसके बावजूद डॉ. चौधरी द्वारा पद नहीं छोड़ने पर कुर्सी को लेकर खींचतान शुरू हो गई। पूर्व डीन डॉ. अशोक शर्मा ने तो बाकायदा चिट्ठी लिखकर डॉ. चौधरी से कहा कि चूंकि आपको शासन ने पद से हटा दिया है। मेरे डीन पद पर रहते हुए भी आप इस पद का संचालन कर रहे हैं। उसे तुरंत मुझे हस्तांतरित करने कष्ट करें।
सबके अपने-अपने तर्क
शासन थोड़ी कुछ होता है
डॉ. शरद चौधरी ने कहा कि शासन का आदेश थोड़ी कुछ होता है। हम लोगों को रजिस्ट्रार नियुक्त करते हैं। वो जैसा आदेश देंगे, हम वैसा पालन करेंगे। हमने यूनिवर्सिटी को बता दिया है। उन्होंने कहा है अभी आप जो काम कर रहे हैं, करते रहें।
शासन ने उन्हें हटाया
कृषि कॉलेज के पूर्व डीन डॉ. अशोक शर्मा ने कहा कि मैंने डॉ. शरद चौधरी को पत्र लिखा है कि वे मुझे कार्य सौंप दें। उन्हें शासन ने हटा दिया है।
जल्द फैसला करेंगे
एग्रीकल्चर कॉलेज के रजिस्ट्रार अनिल सक्सेना ने कहा कि वाइस चांसलर छुट्टी पर थे, इसलिए इन लोगों को लेकर फैसला नहीं हो पाया था। अब वे आ गए हैं। जल्द ही फैसला लेंगे। शासन ने जो आदेश दिया है, उसका पूरा पालन होगा।
यह था मामला: विश्वविद्यालय में संचालक अनुसंधान (Director, Research), संचालक विस्तार सेवाएं (Director, Extension Services), डीन (दो पद) और संचालक शिक्षण (Director, Education) जैसे फर्स्ट क्लास अफसरों की भर्ती के लिए मनमानी शर्तें के साथ नियुक्तियां दे दी गईं थीं। 7 में से 5 पदों पर तो विवि के ही लोगों को नियुक्ति दे दी गई, जबकि बाहर से भी कई आवेदन आए थे। डॉ. शरद चौधरी और डीएस रानाडे को डीन बना दिया गया। डायरेक्टर अनुसंधान के पद पर डॉ. संजय शर्मा को बैठा दिया गया। डायरेक्टर शिक्षण के पद पर डॉ. एसपीएस तोमर को नियुक्त कर दिया गया। डायरेक्टर विस्तार के पद पर डॉ. वाईपी सिंह की नियुक्ति कर दी गई।
इन शर्तों का हुआ उल्लंघन
- विज्ञापन के दौरान भर्ती की शर्त थी कि एक पद के लिए 5 लोगों को ही इंटरव्यू के लिए बुलाया जाए, लेकिन विवि ने हर पद के लिए 15 से 20 आवेदकों को बुला लिया।
सरकार ने ये कहा: पदों की भर्ती में विज्ञापन की शर्तों के अनुसार, मापदंड से ज्यादा उम्मीदवारों को इंटरव्यू किए जाने और ओबीसी आरक्षण के प्रावधानों का स्पष्ट पालन नहीं किया गया। इससे चयन प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगते हैं। दोबारा विधिवत चयन प्रक्रिया अपनाई जाए।