JABALPUR. एक साल से पुराने जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र (birth-death certificate) जिला अदालत (District Court) में बनेंगे। एसडीएम कार्यालय (SDM Office) में नहीं बनेंगे। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) की ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior Bench) ने इस संबंध में एक फैसले दिया है। इसी के तहत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) जबलपुर आलोक प्रताप सिंह ने यह आदेश जारी किया है। इसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
नई व्यवस्था इस प्रकार होगी
इस आदेश के तहत सभी न्यायिक दंडाधिकारियों को अपने क्षेत्राधिकार की जिम्मेदारी सौंपी है। दो जेएमएफसी (न्यायिक दंडाधिकारी) को शहर के कुछ थाना क्षेत्रों की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस व्यवस्था के पहले तक एक साल पुराने जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र एसडीएम कार्यालय में बनाए जाते थे।
एसडीएम के अधिकार खत्म
इस आदेश के तहत जन्म-मृत्यु पंजीयन अधिनियम 1969 की धारा 13(3) में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के एसडीएम के अधिकार समाप्त कर दिए गए हैं।
थाना के अनुसार जिम्मेदारी तय
यह जिम्मेदारी जिला अदालत के सभी न्यायिक दंडाधिकारियों को सौंप दी गई है। आदेश में पुरानी अधिसूचना को संशोधित किया गया है। इसके तहत अब सभी न्यायिक दंडाधिकारी उनके क्षेत्राधिकार के जन्म-मृत्यु मामलों पर विचार करके निराकरण करेंगे।