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राजीव उपाध्याय, JABALPUR. फर्जी मरीजों को भर्ती करके आयुष्मान योजना का लाभ उठाने के आरोप में डॉ. अश्विनी पाठक और पत्नी डॉ. दुहिता पाठक को 28 अगस्त की रात गिरफ्तार कर लिया गया। डॉक्टर दंपती जबलपुर के राइट टाउन स्थित सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल के संचालक हैं। दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। इसके अलावा अस्पताल का रजिस्ट्रेशन भी कैंसिल कर दिया गया है।
लॉर्डगंज पुलिस ने बताया कि सेंट्रल इंडिया किडनी की डायरेक्टर डॉ. दुहिता पाठक हैं। अस्पताल डॉ. दुहिता के नाम रजिस्टर्ड है और बिल्डिंग डॉ अश्विनी पाठक के नाम रजिस्टर्ड है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज बनाने समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। नगर निगम ने होटल वेगा और अस्पताल की भवन की जांच शुरू करने नोटिस जारी किया है।
होटल को अस्पताल के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. संजय मिश्रा के अनुसार, इस निजी हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के पीछे कई कारण हैं। हॉस्पिटल के पास स्थित होटल वेगा को अस्पताल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। अस्पताल की प्रोविजनल फायर एनओसी की अवधि खत्म हो गई थी, जिसके बाद टेम्परेरी फायर एनओसी भी नहीं ली गई। सीएमएचओ के मुताबिक, सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल के अलावा मालवीय चौक स्थित एक और प्राइवेट अस्पताल शीतल छाया का भी रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया गया है। अस्पताल पर टेम्परेरी फायर एनओसी पेश ना कर पाने, बारातघर का अस्पताल के रूप में इस्तेमाल और बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन का उल्लंघन करने की वजह से कार्रवाई की गई।
आदेश में दोनों अस्पतालों के मैनेजमेंट को नए मरीज भर्ती नहीं करने, भर्ती मरीजों को समुचित इलाज के बाद डिस्चार्ज करने और इसकी सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को देने के निर्देश दिए गए हैं।