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Jabalpur. कांग्रेस से महापौर प्रत्याशी जगत बहादुर सिंह अन्नू बीजेपी प्रत्याशी डॉ जितेंद्र जामदार से करीब 44,425 मतों से जीते। जगत बहादुर सिंह अन्नू ने शुरू से ही बढ़त बनाई फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा और यह लीड आखरी राउंड तक कायम रही। जबलपुर में कांग्रेस शुरू से ही जगत बहादुर सिंह अन्नू के प्रति आश्वस्त थी। इसलिए यहां के नेताओं ने भी सिंगल नाम भेजा। राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा, दोनों पूर्व मंत्री तरुण भनोत, लखन घनघोरिया वा दोनों विधायक विनय सक्सेना और संजय यादव की पसंद थे जगत बहादुर सिंह अन्नू। शहर में पहली बार कांग्रेस में कोई गुट बाजी दिखाई नहीं दी।
शहर विकास प्राथमिकता
पत्रकारों से चर्चा करते हुए जगत बहादुर सिंह अन्नू ने कहा कि शहर विकास को लेकर जो वायदे किए हैं वे पूरे होंगे।नर्मदा में नालों के पानी को रोकने का काम सबसे पहले किया जाएगा।
जगत बहादुर अन्नू की ताकत
1, जगत बहादुर सिंह अन्नू और इनकी पत्नी पार्षद रह चुकी हैं।इनको चुनाव लड़ने, कार्यकर्ता मैनेजमेंट का अच्छा अनुभव है।
2, जगत बहादुर सिंह अन्नू, राज्य सभा सदस्य विवेक तनखा और पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोत के करीबी हैं। इसके अलावा इनके पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया, विधायक विनय सक्सेना और संजय यादव से भी अच्छे संबंध हैं जिससे चुनाव के दौरान इनको सभी का पूरा सहयोग मिला। गुटबाजी नहीं रही।
3,जगत बहादुर सिंह अन्नू राजपूत हैं। व्यवहारिक हैं। वैष्णो देवी तीर्थ यात्रा कमेटी में सभी वर्गों के साथ सिंधी व पंजाबी समाज भी जुड़ा है। इसका फायदा मिला।
यहां पीछे रह गए डॉ जामदार
1, बीजेपी के प्रत्याशी का नाम सिंगल नहीं था,बीजेपी के अन्य नेता भी चुनाव लड़ने के इच्छुक थे। इसलिए इनके नाम की घोषणा के बाद बीजेपी में अंदर कहीं न कहीं नेता असंतुष्ट रहे।
2, डॉ जामदार को चुनाव लड़ने का अनुभव नहीं था इसलिए कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल नहीं बिठा पाए।
3, अपेक्षित रूप से शहर विकास नहीं होने का खामियाजा भी हार के रूप में डॉ जामदार को मिला क्योंकि लगातार 18 वर्ष से बीजेपी की नगर सत्ता थी।