Jabalpur. पूर्व मुख्य मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ पनागर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस नेताओं पर कड़क हाथ रखने के मूड में हैं। वहीं वे जनता की नब्ज टटोलने 19 अक्टूबर को पनागर आ रहे हैं। पनागर प्रदेश की उन 70 विधान सभा सीटों में शामिल है जहां कांग्रेस कमजोर है।यहां 1998 के चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी।इसके बाद यहां से कांग्रेस का प्रत्याशी नहीं जीता।
पनागर से चुनावी शंखनाद
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का शंखनाद कमल नाथ पनागर से कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में पनागर और शहर में कैंट की सीट कांग्रेस के लिए कमजोर सीट है। पनागर में आखरी बार 1998 में कांग्रेस से कौशल्या गोटिया जीती थीं। इनके बाद यहां से कांग्रेस के प्रत्याशी जीत नहीं सके। बीजेपी के लिए पनागर मजबूत गढ़ बनता गया। बीजेपी विधायक सुशील तिवारी इंदु ने 2013 वा 2018 में जीत हासिल की। 2018 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सम्मति सैनी को तीसरी पोजिशन मिली उनको 22 प्रतिशत वोट हासिल हुए। जबकि निर्दलीय प्रत्याशी भारत सिंह यादव 23 प्रतिशत वोट पाकर दूसरी पोजिशन पर रहे। पनागर में कांग्रेस लगातार अपना वजूद खोती जा रही है।
ये है जाति समीकरण
पनागर में ब्राह्मण, कुर्मी,यादव, ठाकुर,लोधी मतदाता करीब 60 प्रतिशत हैं।शेष अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक हैं। इसलिये कांग्रेस यहां ऐसे चेहरे को प्रत्याशी बनाने की कोशिश में है जो मौजूदा विधायक से बेहतर तरीके से टक्कर ले सके। कांग्रेस यहां से ब्राह्मण,यादव,पटेल में से ही प्रत्याशी बनाने पर मंथन कर रही है।
कमल नाथ की नजर
कमल नाथ 19 अक्टूबर को पनागर में आम सभा लेने के साथ ही चुनावी बिगुल बजाकर बीजेपी को इसमें पीछे छोड़ रहे हैं। साथ ही वे कांग्रेस के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं को भी कठोर ताकीद देने के मूड में हैं कि हर हाल में वे जनता से जुड़े और उसके मिजाज को समझें,अभी समय है।