भोपाल. कृषि मंत्री कमल पटेल (Kamal Patel) ने सीएम शिवराज सिंह (CM Shivraj) की तुलना भील योद्धा टंट्या मामा से की है। पटेल ने कहा कि 'टंट्या मामा (Tantya Mama) का जन्म 1842 में हुआ। वो 47 साल की उम्र में देश के लिए शहीद हो गए। हमारी संस्कृति में यह माना जाता है कि पुनर्जन्म होता है। टंट्या मामा का पुर्नजन्म मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के रूप में हुआ है।' दरअसल, मंत्री खरगौन जिले के भीकनगांव में टंट्या मामा की गौरव यात्रा में 29 नवंबर को शामिल हुए थे। यहां उन्होंने आदिवासियों को संबोधित करते हुए ये बयान दिया है। वहीं, कांग्रेस (Congress) ने विरोध जताते हुए कहा कि एक महानायक की तुलना शिवराज जी से करना गलत है। बीजेपी इसके लिए माफी मांगे।
दोनों में ये समानताएं बताई
पटेल ने बताया कि टंट्या मामा भी दुबले- पतले थे। हमारे मुख्यमंत्री भी दुबले -पतले हैं इसलिए उन्हें भी मामा कहते हैं। टंट्या मामा भी कन्याओं का विवाह कराते थे, हमारे मामा भी कन्याओं का विवाह कराते हैं। टंट्या मामा बड़े लोगों को लूट कर गरीबों में बांट देते थे। लेकिन हमारे मामा लूट नहीं रहे हैं बल्कि बड़े लोगों पर टैक्स लगाकर उसे गरीबों में बांटते है। दोनों में कई समानताएं है, टंट्या मामा का पुर्नजन्म मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के रुप में हुआ है।
एक महानायक से तुलना करना गलत- कांग्रेस
आदिवासी वर्ग के महानायक टंटया मामा की तुलना शिवराज जी से, कृषि मंत्री के बेतुके बोल…
टंटया मामा को लुटेरा बता रहे है ?
शिवराज बड़े लोगों पर टेक्स लगाते है ,यह समानता है…?
एक महानायक से शिवराजजी की तुलना ग़लत..
मंत्री का बयान टंटया मामा का अपमान,मंत्री और भाजपा माफ़ी माँगे.. pic.twitter.com/E9IPpT7BtJ
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) November 29, 2021
कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि आदिवासी वर्ग (Tribal Community) के महानायक टंट्या मामा की तुलना शिवराज जी से, कृषि मंत्री के बेतुके बोल…टंट्या मामा को लुटेरा बता रहे है? शिवराज बड़े लोगों पर टैक्स लगाते हैं, यह समानता है…? एक महानायक से शिवराज जी की तुलना गलत। मंत्री का बयान टंट्या मामा का अपमान, मंत्री और भाजपा माफी मांगे।
बेरोजगारी को लेकर भी दिया था अजीब बयान
कमल पटेल ने 6 सितंबर को जबलपुर में कहा कि चार-पांच साल में देश में बेरोजगारी (Unemployment) जैसी चीज नहीं रहेगी। गरीबी (Poverty) नाम की चीज नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि लोगों को योग्यता के अनुसार काम मिलेगा और इस प्रकार पूरा भारत नवनिर्माण के काम में लगेगा। हम इतना उत्पादन करेंगे कि दूसरे देशों को निर्यात (export) कर सकेंगे, विदेशी पूंजी आएगी। भारत पुन: सोने की चिड़िया बनेगा।