GWALIOR : राष्ट्रीय ध्वज में खादी की जगह पॉलिस्टर लगाने की छूट से नाखुश है खादी संघ,बोला, मानकों का पालन जरूरी

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Dev Shrimali
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GWALIOR : राष्ट्रीय ध्वज में खादी की जगह पॉलिस्टर लगाने की छूट से नाखुश है खादी संघ,बोला, मानकों का पालन जरूरी



GWALIOR.  इस समय आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत घर -घर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के अभियान की तैयारियां जोरों पर है। यह अभियान अगले माह होगा जिसके लिए झंडों की आपूर्ति के लिए जगह -जगह इनका उत्पादन किया जा रहा है । ध्वज संहिता के अनुसार ध्वज निर्माण से लेकर उसके फहराने और उतारने तक के नियम हैं । इसके तहत राष्ट्रीय ध्वज को खादी के कपड़े पर ही बनाने की व्यवस्था दी गई है लेकिन सरकार ने इसको पॉलिस्टर कपड़े पर भी बनाने की छूट दे दी है । लेकिन इस छूट से देश मे मानक ध्वज बनाने वाली संस्था मध्यभारत खादी ग्रामोद्योग संघ नाखुश है।





ग्वालियर में बनता है राष्ट्रीय ध्वज





आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर सरकार हर घर झंडा अभियान चला रही है, देश की ऐतिहासिक इमारतों और शासकीय इमारतों पर शान से फहराने वाला झंडा उत्तर भारत में सिर्फ ग्वालियर शहर में तैयार होता है ।देश की आन बान शान इस तिरंगे झंडे को बनाने के लिए 23 मानकों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है, ग्वालियर के मध्य भारत खादी संघ में खादी संघ की उत्तर भारत की एकमात्र आई एस आई प्रमाणित राष्ट्रीय ध्वज निर्माण शाला में इन राष्ट्रीय ध्वज को तैयार किया जाता है,।





सोलह राज्यो से आई डिमांड





हर घर झंडा अभियान को लेकर यहां तकरीबन 16 राज्यों से भारत मानक ब्यूरो के अनुसार तैयार होने वाले राष्ट्रीय ध्वज की डिमांड है, मध्य भारत खाद्य संघ के राष्ट्रीय ध्वज निर्माण संस्था के प्रबंधकों का कहना है कि सरकार का हर घर झंडा अभियान तारीफ के काबिल है लेकिन उन्होंने आम नागरिकों और प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी अपील की है कि राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान में सिर्फ मानकों के आधार पर तैयार किए गए राष्ट्रीय ध्वज को ही घरों और शासकीय दफ्तरों में फहराने की अनुमति दी जाए । बाजारों में बिकने वाले तिरंगे झंडे मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं इसलिए उन्होंने इसे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान भी बताया है उन्होंने जनता से अपील की है कि देश की आन बान शान तिरंगा झंडा नियमों और कायदों को पालन करते हुए फहराया जाए।







कैसे बनता है मानक राष्ट्रीय ध्वज





 गांधी जी के खादीऔर चरखा आंदोलन से प्रभावित, मध्य भारत खादी संघ की राष्ट्रीय ध्वज निर्माण संस्था में देश के राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण किया जाता है । यहां तिरंगे झंडे के निर्माण में भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित 23 मानकों को ध्यान में रखकर ही तिरंगे झंडे का निर्माण किया जाता है इनमें तिरंगे झंडे की रंगाई कताई बुनाई कटाई धुलाई चक्र की छपाई रस्सी जिसमें सिर्फ सीसल वुड का उपयोग किया जाता है। झंडे में हंड्रेड परसेंट कॉटन क्लॉथ इस्तेमाल किया जाता है इसके अलावा झंडे में प्रयोग होने वाली गुल्ली सागौन या शीशम की बनी होती है, झंडे की सिलाई के लिए धागे का उपयोग भी बड़ी सावधानी और मानकों के अनुरूप किया जाता है झंडे का नाप  उसके चक्र का नाप, कई मानकों के अनुरूप ही किया जाता है।



खादी संघ के राष्ट्रीय ध्वज निर्माण शाला के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा के अनुसार उनके पास हर घर तिरंगा अभियान को लेकर विभिन्न राज्यों से तिरंगे झंडे के आर्डर आ रहे हैं लेकिन सीहोर से मिलने वाला झंडे के निर्माण में प्रयोग होने वाली पौनी उन्हें नहीं मिल पा रही है इसलिए वह कई जगह आर्डर पूरा नहीं कर पा रहे । उन्होंने यह भी अपील की है कि आमजन अपने घर में तिरंगा झंडा शान से तिरंगा झंडा फहराया लेकिन झंडा सिर्फ तय मानकों के अनुसार बना हुआ ही इस्तेमाल करें इसके अलावा अगर कोई झंडे का इस्तेमाल करते हैं तो यह सीधे तौर पर राष्ट्रीय ध्वज के अपमान की श्रेणी में आता है उन्होंने प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों और प्रदेश सरकार से भी मानकों के अनुरूप लोगों को झंडा उपलब्ध कराने की मांग की है,





 द सूत्र भी सभी से अपील करता। है कि आप भी शान से तिरंगा झंडा अपने घरों पर तिरंगे झंडे को फहराये लेकिन मानकों के अनुरूप बने हुए राष्ट्रीय  ध्वज के मानकों का उपयोग अवश्य करें



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