खंडवा. मंत्री बिसाहूलाल सिंह (Minister Bisahulal) के खिलाफ खंडवा (Khandwa) में करणी सेना (Karni Sena) का आक्रोश फूटा। खंडवा के मुख्य चौराहे पर मंत्री के खिलाफ नारेबाजी (sloganeering) हुई। इस दौरान पुतला भी फूंका गया। यह विरोध प्रदर्शन (demonstration) करणी सेना के द्वारा किया गया था। प्रदर्शन में चेतावनी भी दी गई है कि हमें मंत्री के इस्तीफे से कम कुछ भी मंजूर नहीं। प्रदर्शनकारी बोले कि माफी हमें नहीं चाहिए। अगर इस्तीफा नहीं हुआ, तो 2023 में बीजेपी (BJP) को परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
मंत्री के खिलाफ नारेबाजी
शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar) के मंत्री बिसाहूलाल के सवर्ण महिलाओं पर विवादित बयान दिया गया था। इसी के खिलाफ खंडवा में सोमवार को करणी सेना ने विरोध प्रदर्शन कर बिसाहूलाल सिंह का पुतला फूंका है। खंडवा के केवलराम चौराहे पर श्री राजपूत करणी सेना ने मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मंत्री के बयान को लेकर प्रदेशभर में विरोध हो रहा है। उनके द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में माफी मांगी गई थी। इसके बाद भी करणी सेना विरोध कर रही है। करणी सेना के पदाधिकारियों ने कहा कि हम 22 राज्यों में विरोध कर रहे हैं। हमें इस्तीफे से कम कुछ भी मंजूर नहीं। यदि इस्तीफा नहीं हुआ, तो 2018 के ‘माई के लाल’ वाले बयान जैसे परिणाम होंगे।
‘माई के लाल’ बयान का इतिहास
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों 2018 के नतीजे घोषित होने के बाद बीजेपी में खराब प्रदर्शन को लेकर मंथन शुरू हुआ था। अलग-अलग लोगों के लिए बीजेपी की दुर्दशा की वजहें भी अलग-अलग थी। लेकिन महत्वपूर्ण वजह शिवराज सिंह चौहान के द्वारा 2016 में दिए गया बयान माना गया। उस बयान को बीजेपी की हार की वजह बताया है जिसमें चौहान ने कहा था कि 'कोई माई का लाल आरक्षण नहीं खत्म कर सकता है।'
ये विवादित बयान दिया था
मंत्री बिसाहूलाल सिंह एक कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित कर रहे थे। तभी मंत्री जी बोले -‘‘बड़े-बड़े ठाकुर-ठकार अपने घर की महिलाओं को समाज में कंधे से कंधा मिलाकर चलने नहीं देते हैं। बड़े-बड़े लोग अपने घर की महिलाओं को घरों तक सीमित करके रखते हैं, जबकि हमारे गांव की महिलाएं खेतों में जाती हैं और घर का काम भी करती हैं।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘समानता लाना है, तो उच्च जाति की महिलाओं को भी घर से खींचकर बाहर निकालो और उनसे भी काम कराओ। तभी देश में समानता आएगी।’’