मध्यप्रदेश में कोरोनाकाल के बिजली बिल कैसे और कब होंगे माफ, जानें A टू Z

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Aashish Vishwakarma
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मध्यप्रदेश में कोरोनाकाल के बिजली बिल कैसे और कब होंगे माफ, जानें A टू Z

भोपाल. मध्यप्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने कोरोना संक्रमण (Corona Transition) की पहली लहर (अगस्त 2020 तक) के दौरान लोगों के राहत देने के लिए स्थगित किए गए बिजली बिलों को माफ करने का फैसला लिया है। 31 अगस्त 2020 तक के बिजली बिल माफ कर दिए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने ऐलान किया है कि प्रदेश में ऐसे करीब 88 लाख घरेलू उपभोक्ताओं के 6 हजार 400 करोड़ रुपए बकाया बिजली बिल (Electricity Bill) माफ किए जाएंगे। ऐसे में अब बड़ा सवाल ये है कि इस दौरान जिन लोगों ने बिजली बिल जमा कर दिए हैं, उनका क्या होगा? आइए आपको बताते हैं कि सरकार के निर्णय के मुताबिक किन लोगों के बिल माफ होंगे और किनके नहीं।





किन उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ: सबसे पहले जान लीजिए कि सरकार के निर्णय का लाभ उन  उपभोक्ताओं (Consumer) को मिलेगा, जिनका बिजली कनेक्शन 1 किलोवॉट तक का है। प्रदेश में ऐसे करीब 1 करोड़ 20 लाख घरेलू बिजली कनेक्शन हैं। इनमें से लगभग 88 लाख कंज्यूमर्स के अप्रैल 2020 से 31 अगस्त 2020 तक के बिजली बिल माफ किए जाएंगे। सरकार ने इसी अवधि को कोविड की पहली लहर का काल माना है। इस संबंध में ऊर्जा विभाग (Energy Department) से जल्द ही औपचारिक आदेश जारी किया जाएगा। इसके बाद बिजली बिल माफ करने के निर्णय पर अमल शुरू हो जाएगा।





जिन लोगों ने बिल जमा कर दिए, उनका क्या: जिन उपभोक्ताओं ने बिजली का बिल जमा कर दिए हैं, उन्हें भी सरकार की घोषणा का लाभ मिलेगा। उनकी जमा राशि को आने वाले बिजली बिलों में एडजस्ट किया जाएगा। यानी उनके आगामी महीने के बिजली बिल में ये राशि कम होकर आएगी। उदाहरण के तौर पर यदि किसी उपभोक्ता ने 5 हजार रुपए जमा किए थे, तो आने वाले महीने के बिलों में इस राशि को बिल में एडजस्ट किया जाएगा। जब तक पूरी राशि एडजस्ट नहीं हो जाती, तब तक उसे अगले बिलों में समायोजित किया जाएगा। 





कब से लागू होगा राशि समायोजन का आदेश: मुख्यमंत्री ने सोमवार, 14 मार्च को इस निर्णय की घोषणा की है। अब सभी बिजली वितरण कंपनियों की ओर से इस बारे में औपचारिक आदेश जारी किया जाएगा। इसके बाद से ही अमल शुरू हो जाएगा। आदेश कब से लागू होगा और किस महीने से बिलों का समायोजन किया जाएगा, यह जानकारी औपचारिक आदेश जारी होने के बाद ही सामने आएगी। 





सरकार ने स्थगित कर दी थी बिजली बिलों की वसूली: उल्लेखनीय है कि कोरोना की पहली लहर के दौरान जिन 88 लाख बिजली उपभोक्ताओं ने बिल जमा नहीं किए थे। ऊर्जा विभाग ने उनसे वसूली के लिए नीति बनाई थी। तब सरकार ने बकाया बिलों की वसूली न करते हुए उसे स्थगित करने को कहा था। यानी उपभोक्ताओं की बकाया राशि बिजली बिल से हटा दी गई थी। इस कारण बिजली कंपनियों का उपभोक्ताओं पर 6 हजार 



400 करोड़ रुपए बकाया था।





समाधान योजना में बिल भर चुके उपभोक्ताओं को भी लाभ: कोरोनाकाल में बकाया राशि की वसूली के लिए ऊर्जा विभाग ने जो नीति बनाई थी, उसके मुताबिक उपभोक्ता यदि बकाया बिजली बिल की राशि एकमुश्त जमा करते हैं, तो उन्हें बिल में 40% तक राहत दी जाएगी। इसके अलावा बकाया राशि पर 2% के हिसाब से लगने वाला सरचार्ज भी माफ करने का निर्णय लिया गया था। ऐसे उपभोक्ता जो बकाया राशि एकमुश्त जमा करने में सक्षम नहीं थे। उन्हें 6 किस्तों में बिल जमा करने पर 25% तक छूट देने का प्रावधान किया गया था। सरकार की इस पहल के बाद करीब 48 लाख उपभोक्ताओं ने 189 करोड़ रुपए के बिल जमा करा दिए थे। अब इस राशि को आगे के बिलों में समायोजित किया जाएगा।



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