इंदौर. कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय यानी जू से भागा तेंदुआ (Indore Zoo Leopard Searching) 36 घंटे बाद भी नहीं मिला है। शुक्रवार यानी 3 दिसंबर की देर रात तक उसकी तलाश जारी है। जू में तेंदुआ का मूवमेंट (Leopard Movement) देखा गया है। फिलहाल के लिए जू में लोगों की एंट्री बंद कर दी गई है। जू के प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने भी कैमरे में भागते हुए किसी जानवर की पुष्टि की है, लेकिन वो तेंदुआ है इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है। खंडवा, बुरहानपुर और जू की टीमें उसे पकड़ने की कोशिश कर रही हैं।
इस तरह पकड़ने की तैयारी की
जू प्रबंधन (Zoo Managment) और वन विभाग (Forest Department) की टीम ने हेलोजन लगा दिए हैं। जिस भी जगह तेंदुएं के पैरों और खून के निशान मिले हैं। वहां-वहां जाल बिछाकर तेंदुए को पकड़ने की कोशिश की जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक तेंदुएं को ढूंढने के लिए दो से तीन लोगों की टीमें बनाई गई है। तेंदुआ छोटा होने के कारण हमला करने की स्थिति में नहीं है, लेकिन इस समय वह घायल है। इसलिए हमला कर सकता है।
नेपानगर में रेस्क्यू किया गया था तेंदुआ
30 नवंबर को नेपानगर (Nepanagar) के नावरा वन परिक्षेत्र के ग्राम डालमहु से तेंदुआ को पिंजरे में कैद किया था। यहां मादा तेंदुआ को श्वानों ने घेरा था। श्वानों के झूंड से जान बचाकर तेंदुआ रहवासी इलाके में आ गया। वन विभाग को इसकी सूचना दी गई। वन विभाग की टीम ने सफल रेस्क्यू किया। इसके बाद तेंदुएं की मेडिकल जांच करवाई गई।
इंदौर जू से पिंजरा तोड़कर भागा था
तेंदुए को पकडने के बाद उसे नेपानगर रेंज कार्यालय में लाया गया। इसकी पुष्टि रेंजर विमला मुवेल ने की थी। जांच से पता चला की मादा की उम्र एक साल की है। वह घायल स्थिति में मिला था। यहां उसका उपचार किया गया था। इसके बाद SDO नेपानगर दिनेश यादव ने खुद जाकर इंदौर जू तेंदुआ छोड़कर आए। इसके बाद वह भाग गया था। इधर, इंदौर जू के अफसर कह रहे हैं कि तेंदुआ इंदौर (Indore Tendua Movement) लाया ही नहीं गया था। न हमने इसे रिसीव किया और न ही कोई रिसिप्ट दी। फिर बाद में जू से तेंदुआ भागने की पुष्टि हुई थी।
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