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Jabalpur. जबलपुर से 1020 मीट्रिक टन यूरिया गायब होने के मामले में कृषक भारती को-ऑपरेटिव लिमिटेड श्याम कंपनी के लिए डीपीएमके फर्टिलाइजर का जबलपुर समेत संभाग के अन्य जिलों में भी ट्रांसपोर्ट का काम है। यहां पर वह होलसेलर और रिटेलर दोनों था। कृषि विभाग ने अब सख्त कार्रवाई करते हुए जबलपुर, सिवनी और नरसिंहपुर में उर्वरक विक्रय के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। दो जिलों में भी यह प्रक्रिया जारी है। इससे पहले पुलिस ने हिरासत में लिए गए रैक हेंडलर स्टेट मैनेजर जयप्रकाश, शुभम बिड़ला और ब्रजमोहन उर्फ संजीव गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने शुभम और जयप्रकाश के लैपटॉप और मोबाइल को भी जब्त किया है।
कृषि विभाग और पुलिस विभाग कर रहे कार्रवाई
मामले में विपणन संघ के डबल लॉक की जगह निजी विक्रेताओं को यूरिया भेजने के घोटाले में कृषि विभाग और पुलिस दोनों मिलकर कार्रवाई कर रहे हैं। जबलपुर समेत मंडला, दमोह और डिंडोरी जिले के डबल लॉक का करीब 9 सौ मीट्रिक टन यूरिया अभी तक नहीं मिला है, सूत्रों के अनुसार उसे निजी क्षेत्र में बेच दिया गया। इन जिलों में होलसेलर और ट्रांसपोर्टर एक ही फर्म है। इसे ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग और विपणन संघ ने भी गंभीरता नहीं दिखाई। डीपीएमके फर्टिलाइजर ने अन्य जिलों में अपने लाइसेंस देकर आउटलेट खोल रखे थे। संयुक्त संचालक कृषि के एस सैयाम ने बताया कि सिवनी, जबलपुर और नरसिंहपुर में लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं। छिंदवाड़ा और मंडला जिले में कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि इस यूरिया को निजी क्षेत्र को बेचा गया है। जिन रिटेलर्स को माल बेचा गया है उनसे पूछताछ की जा रही है। आगे की कार्रवाई पुलिस की जांच टीम करेगी।
अब भी फरार है ट्रांसपोर्टर द्वारका
पुलिस ने इस मामले में अब तक जबलपुर में सारा काम देखने वाले ब्रजमोहन उर्फ संजीव गुप्ता को तो जेल भेज दिया है लेकिन ट्रांसपोर्टर कंपनी का संचालक द्वारका गुप्ता अब भी फरार है। बिलासपुर का रहने वाले द्वारका गुप्ता की तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है।