भोपाल. राज्य सरकार 6 जिलों की सरकारी जमीनों पर नए प्रोजेक्ट लाने जा रही है। प्राइम लोकेशन पर मौजूद इन संपत्तियों से नए भवन और आवास तो बनेंगे ही साथ ही सरकारी खजाना भी भरेगा। जबलपुर, भिंड, बड़वानी, शहडोल और रतलाम की सरकारी संपत्तियों को पुनर्घनत्वीकरण यानी रिडेंसिफिकेशन योजना में लिया गया है। 2 फरवरी को मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस की अध्यक्षता में हुई हाई पॉवर कमेटी की बैठक में प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। वहीं राजधानी भोपाल के चार इमली इलाके की फॉरेस्ट कॉलोनी के रिडेंसिफिकेशन का भी प्रस्ताव था, लेकिन हाई पॉवर कमेटी ने स्वीकृति नहीं दी है।
ऐसे होता हैं रिडेंसिफिकेशन: रिडेंसिफिकेशन योजना के तहत उन सरकारी संपत्तियों को चुना जाता है, जो प्राइम लोकेशन पर हैं, लेकिन उनका इस्तेमाल सही तरीके से नहीं हो रहा। जिससे जमीन का बड़ा हिस्सा अनुपयोगी साबित हो रहा है। ऐसी लोकेशन पर सरकार योजना के तहत शॉपिंग कॉम्पलेक्स, सरकारी भवन और आवास बनाती है। इस योजना की निर्माण एजेंसी म.प्र हाउसिंग बोर्ड है। सरकारी संपत्ति का करीब 30% हिस्सा निजी फर्म जैसे बिल्डर, डेवलपर को दिया जाता हैं। जिसकी एवज में सरकार उक्त फर्म से एक तय रकम लेती है और बाकी बचे 70% हिस्से पर निर्माण कार्य कराती है। अपने 30% हिस्से पर बिल्डर एफएआर के मुताबिक निर्माण कर बेचने के लिए स्वतंत्र होते हैं।
इन जिलों में होगा रिडेंसिफिकेशन: जबलपुर के सिविल लाइंस इलाके में बर्न कंपनी की 9 एकड़, भिंड में पुरानी जेल की करीब डेढ़ हेक्टेयर, बड़वानी में इंद्रजीत छात्रावास परिसर की 4 हजार वर्ग मीटर और पीडब्ल्यूडी के उप संभागीय कार्यालय और आवासीय परिसर की करीब 3 हजार वर्ग मीटर, शहडोल में गांधी चौक पर वन विभाग के कार्यालय और आवासीय परिसर की करीब ढाई एकड़ भूमि पर शॉपिंग कॉम्पलेक्स, प्रायवेट कॉलोनी, सरकारी भवन और आवास बनाए जाएंगे। वहीं रतलाम के गोल्डन कॉम्पलेक्स को भी नया रूप दिया जाएगा।