भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के गांवों में भवन परमीशन (Building Permission) देने की अवधि घटाई जा रही है। पहले परमीशन देने की अधिकतम अवधि 45 दिन थी। अब इसे कम किया जाएगा। इसके लिये विधानसभा (Legislative Assembly) में मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज एक्ट 1993 (Madhya Pradesh Panchayat Raj and Village Swaraj Act) में बदलाव किया जा रहा है। ये बदलाव 28 साल बाद होगा। इसमें संशोधन करने के लिए विधेयक पेश (Bill introduced) किया जायेगा। इस एक्ट की धारा 55 में भवनों के परिनिर्माण पर नियंत्रण के संबंध में उपबंध हैं। जिसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति, ग्राम पंचायत की लिखित अनुमति के बिना किसी भवन का निर्माण नहीं करेगा।
संशोधन विधेयक में अनुमति की प्रक्रिया बदली जाएगी
भवन निर्माण की अनुमति आवेदन-पत्र प्राप्त होने बाद 45 दिन के अंदर दी जाएगी और यदि इस 45 दिन में अनुमति नहीं दी जाती है, तो यह समझा जाएगा कि अनुमति दे दी गई है। चूंकि यह अवधि बहुत अधिक है, इसलिए इसे कम करने के लिए 45 दिन के प्रावधान को संशोधन विधेयक के जरिये हटाया जाएगा तथा उसके स्थान पर लिखा जाएगा कि यह अवधि वह होगी जैसा कि राज्य सरकार तय करे।
बिल्डिंग परमीशन की अवधि बहुत अधिक है
लोक सेवा गारंटी में दर्ज विभिन्न विभागों की सेवाओं के अंतर्गत भी कई सेवाएं एक से तीन दिन के अंदर दे दी जाती हैं। चूंकि ग्रामीण क्षेत्र में बिल्डिंग परमीशन की अवधि बहुत अधिक है, इसलिए इसे घटाने का प्रावधान किया जा रहा है। संशोधन विधेयक के जरिए प्रावधान होने पर, राज्य सरकार (State Government) इस अवधि को घटाएगी जिससे ग्रामों में भवन निर्माण में देरी न हो।
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