BHOPAL. मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही गुरुवार (15 सितंबर) को तीसरे दिन ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले कांग्रेस विधायकों ने जमकर नारेबाजी की। कुणाल चौधरी ने सरकार पर आरोप लगाया कि आदिवासियों से भेदभाव किया जा रहा है। विधानसभा परिसर में कांग्रेस विधायकों ने आदिवासियों पर अत्याचार बंद करो’ के नारे लगाए। कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेढ़ा सदन में रो दिए। प्रश्नकाल की शुरुआत में ही नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने विधायक के साथ बदसलूकी का मुद्दा उठाया। इस बात पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा और नेता प्रतिपक्ष के बीच जमकर बहस हुई। नेता प्रतिपक्ष ने इस पर चर्चा करवाने की मांग की।
मेढ़ा को जान का खतरा- पटवारी
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस ने कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने सत्ता पक्ष के विधायक उमाकांत शर्मा पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा - कांग्रेस के विधायक पांची लाल मेढ़ा को जान का खतरा है। उन्होंने सरकार से सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की। सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले आदिवासी विधायक मेढ़ा के साथ बदसलूकी का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायक विधानसभा के गेट नंबर-3 के सामने धरने पर बैठ गए। इस बीच मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेढ़ा रो पड़े। बोले - मेरी जान को खतरा है। विधायक जीतू पटवारी ने उनके आंसू पोंछे।
‘जैसा कांग्रेस का गाना, वैसा हमारा बजाना’
नरोत्तम ने कहा- जैसा कांग्रेस का गाना होगा, वैसा हमारा बजाना होगा। विपक्ष सदन चलने नहीं देना चाहता। इसकी वजह विपक्ष का एक्सपोज होना है। उनके पास कोई बोलने वाला नहीं है, इसलिए सिर्फ हंगामा कर सदन के चलने में व्यवधान पैदा करते हैं। 14 सितंबर को सत्र के दूसरे दिन भी हंगामा होता रहा। पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने एक दूसरे पर अभद्रता के आरोप लगाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के वक्तव्य के बाद विपक्षी विधायक आसंदी के सामने धरने पर बैठ गए थे, जिसके बाद अध्यक्ष ने कार्यवाही 15 सितंबर तक स्थगित कर दी।
इन मुद्दों पर घेरने की कोशिश
कांग्रेस पोषण आहार को लेकर सीएजी की रिपोर्ट, भोपाल में स्कूल बस में बच्ची के साथ रेप, धार में शराब माफियाओं द्वारा अफसरों से की गई मारपीट जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है।