भोपाल. मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन की कार्यवाही हंगामेदार रही। अन्य पिछड़े वर्ग को आरक्षण (OBC Reservation) का मुद्दा छाया रहा। सदन में जमकर नारेबाजी हुई। कांग्रेस के विधायक आसंदी के पास पहुंच गए। सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई। इस बीच सरकार ने ओबीसी आरक्षण पर अशासकीय संकल्प पास करा लिया। कमलनाथ ने कहा कि एक तरफ सरकार कोर्ट जा रही है, दूसरी तरफ चुनाव आयोग आदेश जारी कर रहा है। ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव नहीं होने चाहिए।
शिवराज ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 23 दिसंबर को कहा कि सरकार ओबीसी आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। आज सदन में मैंने ये प्रस्ताव रखा। मैंने संकल्प रखा कि बिना ओबीसी आरक्षण के लिए पंचायत चुनाव ना हों। हम हरसंभव प्रयास करेंगे। कांग्रेस ढोंग कर रही है। शिवराज ने दो दिन पहले भी ओबीसी आरक्षण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाई थी।
सदन में विपक्ष की नारेबाजी
आसंदी के पास बैठकर कांग्रेसी विधायकों ने नारेबाजी की। ओबीसी को आरक्षण देना होगा, मुंह में राम बगल में छुरी, शिवराज तेरी नियत बुरी जैसे नारे लगाए। कमलनाथ ने कहा कि यदि कोर्ट ने रोटेशन मान लिया तो जिन्होंने खर्च किया उनका क्या होगा। सीएम ने जो कहा उसकी पूर्ति होगी। शिवराज ने ये भी कहा कि आरक्षण कांग्रेस के कारण रुका। खुजा तो लिया अब घाव हो गया (इस पर दोनों ओर से हंगामा हुआ)। हम सभी वर्ग को न्याय देंगे। जल्द सुनवाई के लिए आज कोर्ट से आग्रह कर रहे हैं। बिना इतने बड़े वर्ग के आरक्षण के चुनाव में जाना तर्कसंगत नहीं होगा।
सज्जन बोले- लोकतंत्र की हत्या
संकल्प पारित होने से पहले कमलनाथ कुछ बोलना चाहते थे, पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पहले कहा कि संकल्प पारित होने दे, स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा (Adjournment Motion) हो गई है। जैसे ही संकल्प पारित हुआ, कमलनाथ बोलने के लिए खड़े हुए। नरोत्तम ने आपत्ति ली कि संकल्प सर्वसम्मति से पारित हुआ, इसलिए अब इस विषय पर चर्चा नहीं हो सकती। इस पर कांग्रेस ने जोरदार हंगामा किया। सज्जन वर्मा ने कहा कि हमारे नेता को बोलने नहीं दिया, ये लोकतंत्र की हत्या है। कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया और शिवराज सरकार की तानाशाही-गुंडागर्दी नहीं चलेगी के नारे लगाए।