रानी कमलापति स्टेशन का लोकार्पण: VIP कल्चर से EPI कल्चर का कॉन्सेप्ट पूरा- मोदी

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रानी कमलापति स्टेशन का लोकार्पण: VIP कल्चर से EPI कल्चर का कॉन्सेप्ट पूरा- मोदी

भोपाल. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 15 नवंबर को रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (RKMP) का उद्घाटन किया। मोदी ने स्टेशन का बाकायदा जायजा भी लिया। रानी कमलापति देश का पहला वर्ल्ड क्लास स्टेशन है। इसके री-डेवलपमेंट (Redevelopment) पर करीब 100 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इसके अलावा 350 करोड़ कमर्शियल डेवलपमेंट पर खर्च किए जा रहे हैं। स्टेशन को इस तरह से बनाया गया है कि यहां पैसेंजर्स को हर तरह की सेफ्टी, सिक्योरिटी और फैसिलिटी मिल सके।मोदी ने कई सौगातें भी दीं। इसमें इंदौर-उज्जैन और उज्जैन-इंदौर मेमू ट्रेन, उज्जैन-फतेहाबाद-चंद्रावतीगंज ब्रॉडगेज रेलखंड, रानी कमलापती-बरखेड़ा तीसरी लाइन और गुना-ग्वालियर रेलखंड का इलेक्ट्रीफिकेशन का लोकार्पण भी शामिल है।

जर्मन स्टेशन की तर्ज पर तैयार

रानी कमलापति स्टेशन को जर्मनी के हाइडेलबर्ग रेलवे स्टेशन की तरह री-डेवलप किया गया है। रानी कमलापति स्टेशन पर रोज 40 हजार पैसेंजर्स की आवाजाही रहेगी। हाइडेलबर्ग में रोज करीब 42 हजार यात्री आते हैं। रानी कमलापति स्टेशन में रोजाना करीब 40 जोड़ी ट्रेनों को स्टॉपेज दिया जाएगा। कोविड से पहले तक यहां रोज 54 जोड़ी ट्रेनों का संचालन होता था और करीब 25 हजार लोगों की आवाजाही हो रही थी। फिलहाल अभी 22 जोड़ी ट्रेनों का संचालन हो रहा है।

स्टेशन पर ये सुविधाएं

  • स्‍टेशन में ऐसे दो सब-वे बनाए गए हैं। 1500 यात्री एक साथ अंडरग्राउंड सब-वे से गुजर सकेंगे। भीड़ के दबाव को भी कम किया जा सकेगा। स्टेशन में एक नंबर प्लेटफार्म की तरफ से एंट्री ग्लास डोम वाले गेट से होगी। 

  • एक नंबर प्लेटफॉर्म पर एक समय पर 2 हजार यात्री ट्रेनों का इंतजार कर सकेंगे। 36 मीटर ऊंची बिल्डिंग में 2000 से ज्यादा यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है।
  • स्टेशन को पैसेंजर सेग्रीगेशन प्रिंसिपल पर डिजाइन किया गया है। यानी यहां यात्रियों के आने-जाने की व्यवस्था अलग-अलग रखी गई है, जिससे स्टेशन पर भीड़ न हो और किसी को कोई परेशानी भी न आए।
  • स्टेशन परिसर का एरिया 23 हजार वर्गमीटर है। 17 हजार वर्ग मीटर जमीन कमर्शियल इस्तेमाल के लिए है।
  • इस जमीन पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, हॉस्पिटल, सिनेमा, होटल और दुकानें बन रही हैं। डेवलपर को ये जमीन 45 साल की लीज पर दी गई है।डेवलपर को ही यात्री सुविधा वाले हिस्सों की देखरेख और रख-रखाव पांच साल तक करना होगा।
  • प्लेटफॉर्म-1 की तरफ 210 फोर ह्वीलर व्हीलर और 600 टू व्हीलर और प्लेटफॉर्म-5 की ओर 90 फोर व्हीलर और 250 टू व्हीलर पार्किंग की सुविधा है।
  • स्टेशन पर 3 ट्रेवलेटर, 8 लिफ्ट, 12 एस्केलेटर, 120 इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले, 170 हाई रेजोल्यूशन कैमरे, 300 LED लगाई गई हैं।
  • रानी कमलापति स्टेशन पर मोदी

    — BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) November 15, 2021

    रानी कमलापति स्टेशन पर मोदी

    — BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) November 15, 2021

    हमारे लिए सामान्य व्यक्ति भी महत्वपूर्ण- मोदी

    स्टेशन पर भीड़भाड़, गंदगी, स्टेशन पर बैठने, खाने-पीने की असुविधा, रेलवे बोलते ही यही सब सामने आता है। स्थिति यहां तक हो गई थी कि लोगों ने सोच लिया था कि सब ऐसा ही चलने वाला है। जब देश संकल्पों से जुड़ता है तो परिवर्तन होता ही है। ये हम कई सालों से देख रहे हैं। देश के सामान्य इंसान को सुविधा देने का हमने जो बीड़ा उठाया है, वो काम दिन रात चल रहा है। कुछ महीने पहले गांधीनगर रेलवे स्टेशन का नया अवतार दुनिया ने देखा। रानी कमलापति देश का पहला पीपीपी आधारित रेलवे स्टेशन, आईएसओ सर्टिफाइड स्टेशन बनकर तैयार है। यहां होटल, म्यूजियम, स्मार्ट पार्किंग जैसी सुविधाएं हैं। हमारा मकसद वीआईपी कल्चर से ईपीआई (एवरी पर्सन इज इम्पॉर्टेंट) लाना है।  

    रेलवे लगातार बेहतर काम कर रहा- पीएम

    पहले रेलवे को टूरिज्म के लिए अगर उपयोग किया भी गया, तो उसको एक प्रीमियम क्लब तक ही सीमित रखा गया। पहली बार सामान्य मानवी को उचित राशि पर पर्यटन और तीर्थाटन का दिव्य अनुभव दिया जा रहा है। रामायण सर्किट ट्रेन ऐसा ही एक अभिनव प्रयास है। बीते 7 वर्षों में हर साल औसतन 2500 किमी ट्रैक कमीशन किया गया है। जबकि उससे पहले के वर्षों में ये 1500 किमी के आस-पास ही होता था। पहले की तुलना में इन वर्षों में रेलवे ट्रैक के बिजलीकरण की रफ्तार पांच गुना से ज्यादा हुई है।

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