Bhopal. हाल के दिनों में छोटे सरकारी कर्मचारियों पर लोकायुक्त (Lokayukt) और ईओडब्ल्यू (EOW) की लगातार हो रही कार्रवाई में आय से ज्यादा संपत्ति के मामले सामने आ रहे हैं। 31 मई को भी पूर्व पंचायत सचिव के पास भी दो करोड़ की संपत्ति मिली। भ्रष्टाचार के इन मामलों ने प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former CM Kamalnath ) ने मध्य प्रदेश को सबसे ज्यादा भ्रष्ट प्रदेश बता दिया। वहीं, सरकार का कहना है कि वही तो एक्शन भी ले रही है।
भ्रष्टाचार को व्यवस्था बनाया- नाथ
31 मई को कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार को एक व्यवस्था बना दिया है। नीचे से लेकर उपर तक कोई काम बिना पैसे लिए दिए नहीं हो सकता। पैसे दो, काम लो की व्यवस्था चल रही है। मध्य प्रदेश सबसे भ्रष्ट प्रदेश है। छोटे से छोटा कर्मचारी भी अकाउंट में पैसा डालने के 10% मांगता है। अधिकारी से मंत्री तक हिस्सा बंटा हुआ है।
शिवराज बोले- हम करते हैं कार्रवाई
कमलनाथ के आरोप पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जवाब दिया। सीएम जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आठ साल गिना रहे थे और भ्रष्टाचार मुक्त शासन की बात कर रहे थे तभी उनसे सवाल पूछा गया। सीएम से मीडिया ने सवाल किया कि भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था है तो फिर बाबू और पंचायत सचिवों के पास करोड़ों कैसे निकल रहे हैं। शिवराज ने जवाब दिया कि यह हमारा दम है कि छापा भी हम ही डलवाते हैं और बुलडोजर भी हम ही चलवाते हैं।