भोपाल. मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) ने निगम-मंडलों (Corporations-Boards) में 16 अध्यक्ष (Chairman) और 9 उपाध्यक्ष (Vice President) नियुक्त किए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग (General Administration Department) ने इन अध्यक्षों को राज्य शासन के मंत्री का दर्जा दिया है। साथ ही जिन्हें उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है, उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। इन्हें अब वाहन, आवास, कार्यालयीन स्टाफ सहित अन्य सुविधाएं प्राप्त होंगी। सरकार ने 16 अध्यक्ष और नौ उपाध्यक्ष बनाए हैं। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही अध्यक्ष और उपाध्यक्षों को मंत्री दर्जा (Minister Status) मिलेगा।
इन्हें मिला कैबिनेट मंत्री का दर्जा
नए आदेश के मुताबिक मध्य प्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेंद्र बरूआ, राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड के अध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा, खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष जितेंद्र लिटौरिया, मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी, स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष एंदल सिंह कंसाना, ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष गिर्राज दंडोतिया, संत रविदास मध्य प्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम के अध्यक्ष रणवीर जाटव, राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के अध्यक्ष जसवंत जाटव, राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक विकास मंडल के अध्यक्ष रघुराज कंसाना, गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल के अध्यक्ष आशुतोष तिवारी, राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष विनोद गोटिया, इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपाल चावड़ा, मध्य प्रदेश महिला वित्त एवं विकास निगम की अध्यक्ष अमिता चपरा, आदिवासी वित्त एवं विकास निगम की अध्यक्ष निर्मला बरेला और राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर को मंत्री पद का दर्जा दिया है।
निगम, मंडल और प्राधिकरण के अध्यक्षों को केबिनेट और उपाध्यक्षों को दिया राज्यमंत्री का दर्जा। आदेश जारी...@CMMadhyaPradesh @BJP4MP @INCMP pic.twitter.com/biwWlmtCTr
— TheSootr (@TheSootr) December 29, 2021
इन्हें मिला राज्यमंत्री का दर्जा
मध्य प्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम के उपाध्यक्ष प्रहलाद भारती, राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड के उपाध्यक्ष नरेंद्र बिरथरे, राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम के उपाध्यक्ष राजकुमार कुशवाहा, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम के उपाध्यक्ष अजय यादव, राज्य कृषि विपणन बोर्ड की उपाध्यक्ष मंजू दादू, राज्य पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर (खंडवा), स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन के उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह मोकलपुर, सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के उपाध्यक्ष रमेश खटीक और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल को राज्यमंत्री का दर्जा प्रदान किया है। इन सभी को यह दर्जा पदभार ग्रहण करने के बाद मिल जाएगा।
दर्जा प्राप्त मंत्री क्या होता है
दर्जा प्राप्त मंत्री कोई संवैधानिक पद नहीं है. सरकारें ये स्टेटस देती हैं। लेकिन स्टेटस देने का मतलब ये नहीं है कि वो ऑफिस होल्ड करते हैं, या उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली है, जैसे बाकी कैबिनेट या राज्यमंत्री शपथ लेते हैं। दर्जा प्राप्त मंत्री का स्टेटस देने का मतलब नॉकेवल एडमिनिस्ट्रेटिव मिनेटड है। संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। सरकारें किसी को सुविधाएं देने के लिए उसे राज्यमंत्री का दर्जा दे देती हैं। इसके लिए राइटिंग में कोई ऑर्डर नहीं होता। बस ये कह दिया जाता है कि इन्हें राज्य मंत्री या मंत्री पद के अनुरूप सुविधाएं दी जाएंगी।
इसे लेकर कोई नियम नहीं है। यह पूरी तरह से सरकारों की अपनी समझ पर है। ना ही केंद्र सरकार में ना ही राज्य सरकार में इस तरह के किसी नियम या कानून का जिक्र है।
क्या सुविधाएं मिलती हैं?
दर्जा प्राप्त मंत्री को क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी। ये राज्य सरकारें तय करती हैं। सुविधा के नाम पर सरकार ने स्टाफ दे दिया, गाड़ी दे दी। प्रशासनिक सुविधा के लिए एक आदेश हो जाता है। जो चीजें देनी हैं, दे दी जाती हैं, जो नहीं देना है नहीं दिया जाता है। ये पूरी तरह से सरकार के ऊपर है। यह प्रैक्टिस में शामिल है। इसका कोई लीगल बैकिंग नहीं है।
जानिए मंत्रियों की सैलरी
भारत के सभी राज्यों में मुख्यमंत्री और मंत्रीयों की सैलरी अलग-अलग होती हैं। क्योंकि वेतन के निर्धारण का अधिकार प्रदेश सरकार के पास होता है। मप्र के मुख्यमंत्री को 2 लाख रुपए और कैबिनेट मंत्री 1 लाख 70 हजार रुपए महीना सैलरी मिलती है। वहीं विधायकों की सैलरी 1 लाख 10 हजार रुपए है। राज्यमंत्रियों का वेतन 1.50 हजार रुपए है।
मंत्री का दर्जा पाने वालों को यह सुविधाएं मिलेंगी
राज्य सरकार के मंत्रियों को कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। अब राज्यमंत्री का दर्जा पाने वाले निगम अध्यक्षों और उपाध्यक्षों को भी कई सरकारी सुविधाएं मिलेंगी। हर महीने फिक्स वेतन मिलेगी। सरकारी की तरफ से गाड़ी मिलेगी, उसमें 1000 किमी तक डीजल का खर्च मिलेगा। 15,000 रुपये मकान का किराया मिलेगा। 3,000 रुपये सत्कार भत्ता के नाम पर मिलेगा। इसके अलावा ये मंत्री पर्सनल असिस्टेंट और स्टाफ रख सकते हैं, जिसका वेतन सरकार देगी।
द-सूत्र ऐप डाउनलोड करें :
द-सूत्र को फॉलो और लाइक करें:
">Facebook | Twitter | Instagram | Youtube