BHOPAL. अब जिस अफसर के खिलाफ कोर्ट कंटेम्प्ट नोटिस (अवमानना नोटिस) जारी हुआ है, उसे अफसर को लेना ही होगा। विभाग से ट्रांसफर होने की बात कहकर अफसर कोर्ट कंटेम्प्ट नोटिस से बच नहीं सकेंगे। यदि अफसर को इस संबंध में अपना पक्ष रखना है तो उन्हें कंटेम्प्ट नोटिस के जवाब के साथ रख सकेंगे। अब अफसर संबंधित विभाग से तबादला होने की बात कह कर कंटेम्प्ट कोर्ट का नोटिस लेने से इंकार नहीं कर सकेगा। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने आदेश जारी करके स्पष्ट कर दिया है।
ट्रांसफर के बाद अफसर कंटेम्प्ट लेने से मना कर देते हैं
जीएडी के आदेश में कहा गया है कि हाईकोर्ट के निर्देश का पालन नहीं होने पर आए दिन राज्य सरकार के अफसरों को कोर्ट कंटेम्प्ट के नोटिस जारी हो रहे हैं। हाईकोर्ट की जानकारी में आया कि संबंधित विभाग से तबादला होने के बाद तत्कालीन अफसर कोर्ट कंटेम्प्ट का नोटिस लेने से इनकार कर देते हैं। इस तरह के कुछ मामलों में अदालत ने संबंधित अधिकारी की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए जमानती एवं गैर जमानती वारंट भी जारी किए हैं। लगातार ऐसे मामले सामने आने के बाद हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की।
अब अधिकारी बच नहीं सकते- महाधिवक्ता
महाधिवक्ता ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि संबंधित अधिकारी का तबादला हो जाने से वो कोर्ट कंटेम्प्ट से नहीं बच सकते। यदि किसी अधिकारी को लगता है कि मामला उनके समय का नहीं है या फिर अवमानना का पीरियड भी उनके समय का नहीं है तो वे हाईकोर्ट में अपना पक्ष रख सकते हैं, लेकिन कोर्ट कंटेम्प्ट का नोटिस लेने से मना नहीं कर सकते।