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हरीश दिवेकर, भोपाल. शिवराज सरकार नया बजट लाने से पहले एक बार फिर खुले बाजार से 9 मार्च को 2 हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही है। यह कर्ज आरबीआई से 7 साल के लिए लिया जाएगा। इसके ब्याज का भुगतान साल में दो बार कूपन रेट पर किया जाएगा। इस संबंध में वित्त विभाग ने नोटिफिकेशन जारी किया है। इस वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार अब तक कुल 20 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है। 2 हजार करोड़ का नया कर्ज लेने के बाद ये कर्ज 22 हजार करोड़ हो जाएगा। प्रदेश पर कुल कर्ज बढ़कर ढाई लाख करोड़ के पार जा पहुंचा है।
कर्ज में डूबा प्रदेश: मध्य प्रदेश सरकार पर अब तक 2 लाख 53 हजार 335 करोड़ का कर्ज हो चुका है। इसमें एक लाख 54 हजार करोड़ का कर्ज खुले बाजार का है। शेष कर्ज में सरकार को पावर बांड सहित अन्य बांड का कंपनशेशन का 7360 करोड़, वित्तीय संस्थाओं की देनदारी 10,901 करोड़, केंद्र सरकार के लोन और अग्रिम के 31 हजार 40 करोड़ समेत अन्य दायित्व 20 हजार 220 करोड़ रुपए शामिल है।
बजट से ज्यादा कर्ज: खास बात ये है कि प्रदेश सरकार का कुल वार्षिक बजट भी इतना नहीं है। यानी राज्य के कुल बजट से ज्यादा सरकार ने कर्ज ले रखा है। मध्य प्रदेश सरकार ने साल 2020-21 में 2.41 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया था। वित्त वर्ष 2019-20 में राज्य सरकार ने 23,430 करोड़ रुपए का कर्ज लिया। भारी-भरकम कर्ज के चलते राज्य सरकार को हर साल बड़ी रकम ब्याज के तौर पर चुकानी पड़ रही है।
कर्ज के बढ़ते बोझ ने सरकार की चिंता बढ़ाई है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने राजस्व वसूली को बढ़ाने के लिए संबंधित विभागों के अफसरों को रेवेन्यू बढ़ाने के निर्देश दिए हैं, साथ में उन्हें नए आइडिया पर काम करने को भी कहा है।