भोपाल. मध्यप्रदेश में नई पार्किंग पॉलिसी (New Parking Policy) का ड्रॉफ्ट करीब-करीब तैयार है। ये भोपाल-इंदौर (Bhopal-Indore) समेत 15 लाख से ज्यादा आबादी वाले बड़े शहरों में लागू होगा। नगरीय प्रशासन और आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह (Bhupendra Singh) ने कहा कि नई पॉलिसी मौजूदा जरूरतों और समस्याओं के हिसाब से होगी। बड़े शहरों में गाड़ी खरीदने से पहले मालिकों को पार्किंग सर्टिफिकेट भी देना पड़ेगा। विभाग बिल्डिंग परमिशन के नियम में बदलाव भी करेगा। प्रदेशभर की अवैध कॉलोनियों को वैध करने के कानून के बाद से ही विभाग नई पार्किंग पॉलिसी का ड्रॉफ्ट तैयार कर रहा था।
सार्वजनिक पार्किंग बनाने के लिए शुल्क लेंगे
प्रदेश के महानगरों (जबलपुर, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर) में फोर व्हीलर (Four Wheeler) खरीदने के लिए पार्किंग प्लेस जरूरी करने की योजना है। इसके लिए पार्किंग स्पेस सर्टिफिकेट की व्यवस्था लागू की जा सकती है। कई कर्मशियल और आवासीय प्रोजेक्ट व क्षेत्रों में पार्किंग नहीं होने के चलते क्लस्टर पार्किंग पर विचार किया जा रहा है। पार्किंग स्थान की कमी को लेकर सार्वजनिक पार्किंग बनाने के लिए भी शुल्क (Fees) निर्धारित किया जा सकता है।
बिल्डिंग परमिशन के रूल्स में भी बदलाव की तैयारी
बिल्डिंग परमिशन के रूल्स में भी संशोधन की तैयारी की जा रही है। निर्माण के लिए ग्राउंड कवरेज (Ground Coverage), यूनिट, एफएआर (FAR), क्षेत्रीय जनसंख्या घनत्व (Population Density) को लेकर स्लैब होंगे। पार्किंग पॉलिसी के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने अन्य प्रदेशों की पॉलिसी और कोर्ट के आदेशों का भी अध्ययन किया है।
अभी यह व्यवस्था
वर्तमान में पॉर्किंग सर्टिफिकेट जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। जिन लोगों के यहां पार्किंग की जगह नहीं है, वे इधर-उधर सड़कों पर ही अपनी गाड़ियों को खड़ी कर देते हैं। इससे ट्रैफिक की समस्या होती है। नई नीति में यह बताना होगा कि गाड़ी खरीदने वाले के पास पार्किंग की जगह है या नहीं।