भोपाल. मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने जहरीली शराब पर सख्त रुख अख्तियार किया है। जहरीली शराब का दोष साबित होने पर उम्रकैद और मौत की सजा का प्रावधान किया जाएगा। अब तक ऐसे मामलों में 5 से 10 साल की सजा का प्रावधान था। वहीं जुर्माने की राशि 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी गई है। शिवराज सरकार जल्द ही विधानसभा सत्र में इसके लिए विधेयक भी लाएगी। 3 अगस्त को हुई कैबिनेट मीटिंग पर इस पर मुहर लगा दी गई।
शराब में मिलावट तो सजा
शिवराज कैबिनेट ने आबकारी एक्ट में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यदि शराब में मिलावट पाई जाती है तो मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। इतना ही नहीं, अवैध शराब पकड़ने के दौरान यदि किसी ने बाधा डाली तो आबकारी अफसरों बिना वारंट के गिरफ्तारी का अधिकार को होगा।
कानून में संशोधन कर हैरिटेज श्रेणी जोड़ी
गृह मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट की बैठक में हुए फैसलों की जानकारी दी। उनके मुताबिक, वाणिज्यिक कर विभाग के आबकारी अधिनियम (संशोधित) 2021 को मंजूरी दे दी गई है। इसमें शराब की हैरिटेज श्रेणी को जोड़ा गया है। इस संशोधन अधिनियम में शराब से मौत होने पर आरोपी को उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया है। यदि गंभीर मामले सामने आते हैं तो आरोपी को मौत की सजा देने का प्रावधान जोड़ा गया है। ऐसे में मामलों में अभी 5 से 10 साल तक की सजा होती है। इसी तरह अधिकतम 10 लाख रुपए तक के जुर्माने को 20 लाख किया गया है।
अवैध शराब की बिक्री पर भी सख्ती
नरोत्तम के मुताबिक, अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए भी सख्त सजा मिलेगी। अभी तक 2 से 6 महीने की सजा होती है। अब इसे बढ़ाकर 6 साल किया गया है। इसी तरह शराब से शारीरिक नुकसान होने के मामले में आरोपी को 4 महीने से 4 साल तक की सजा होती है। अब इस अवधि को बढ़ाकर 6 साल से 8 साल तक किया गया है। इस विधेयक को मॉनसून सत्र के दौरान विधानसभा में पारित कराकर लागू किया जाएगा।
अब तक प्रदेश में जहरीली शराब से कितनी मौतें?
पिछले 15 महीने में प्रदेश में जहरीली शराब से 53 लोगों की मौत हो चुकी है। मंदसौर में 23 जुलाई को जहरीली शराब पीने से 5 लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री ने अवैध शराब के कारोबार पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए थे।