राहुल शर्मा, भोपाल। प्रदेश के भूजल स्तर में खासी गिरावट आई है। केंद्रीय भूजल बोर्ड की 2017 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, 10 साल में प्रदेश के भूजल स्तर 63.24 फीसदी तक गिर गया। इसके बाद भी भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए गंभीरता दिखाई नहीं देती। विकास के नाम पर सीमेंट कांक्रीट के निर्माण से प्राकृतिक रीचार्ज यानी बारिश के जरिए जमीन के अंदर पानी नहीं जा पा रहा। ऐसे में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के जरिए इस कमी की पूर्ती की जा सकती थी। इसके लिए बाकायदा नियम भी है, जिसके लिए नगरीय निकाय शुल्क भी जमा करवाता है।
2019 की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश की 47 हजार 871 इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया गया था। इसके लिए सरकारी खजाने में सिक्योरिटी डिपॉजिट के 193 करोड़ रुपए जमा हुए। 2019 में ही इसे लेकर थोड़ा बहुत काम भी शुरू हुआ, पर यह बड़े स्तर पर कभी अमल में नहीं लाया जा सका। 2019 की ही स्थिति में इंदौर नगर निगम में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए 105 करोड़ और भोपाल में 15.22 करोड़ जमा थे।
इस तरह से किया था सर्वे: केंद्रीय भूजल बोर्ड ने 2007 में प्रदेश के सभी जिलों में 1303 कुएं चिह्नित किए। 2017 तक साल दर साल जल स्तर की मॉनीटरिंग की गई। हर साल नवंबर महीने में कुएं के जलस्तर के आंकड़े लिए गए। इस आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई। इसमें पाया कि 63.24 प्रतिशत प्रदेश के भूजल स्तर में गिरावट आई।
यह है नियम: प्रदेश के सभी शहरों में नगरीय निकायों में बिल्डिंग परमिशन के लिए 140 वर्गमीटर (1506 वर्गफीट) से बड़े आकार के प्लॉट पर बनने वाले घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य है। नगरीय निकाय सिक्योरिटी डिपॉजिट के बाद ही बिल्डिंग परमिशन जारी करते हैं, जो सिस्टम लगने के बाद वापस लौटाने का प्रावधान है। प्रदेश के सभी बड़े नगर निगमों में 2009 के बाद से सिक्योरिटी डिपॉजिट के बाद ही बिल्डिंग परमिशन जारी की जाती है।
यह है धरोहर राशि का प्रावधान
- 140 से 200 वर्गमीटर प्लॉट एरिया होने पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए निगम में 7000 रुपए शुल्क धरोहर राशि के रूप में जमा होता है।
ये विसंगतियां
- कम्प्लीशन सर्टिफिकेट तभी जारी होता है, जब वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया हो। लेकिन किसी काम के लिए सर्टिफिकेट की अनिवार्यता नहीं है। जिससे लोग सर्टिफिकेट के लिए आवेदन ही नहीं करते। लोगों को बिना कम्प्लीशन सर्टिफिकेट ही बिजली कनेक्शन मिल जाते हैं।
ऐसे समझें बचत... एक परिवार को मिल सकता है सालभर का पानी
- जल विशेषज्ञों की मानें तो 140 वर्गमीटर की छत से वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से बारिश के पानी का जमीन में संग्रह किया जाता है तो इससे औसतन 8 लाख लीटर तक पानी बच सकता है।