PSC-19 प्री, मेंस एग्जाम निरस्त किया, पुराने नियम से रिजल्ट तैयार करने का आदेश

author-image
Atul Tiwari
एडिट
New Update
PSC-19 प्री, मेंस एग्जाम निरस्त किया, पुराने नियम से रिजल्ट तैयार करने का आदेश

जबलपुर. पीएससी-2019 (PSC-2019) को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। 7 अप्रैल को हाईकोर्ट ने पीएससी-19 की प्रिलिम्स और मेंस (प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा) को निरस्त करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने 17 फरवरी 2020 में हुए संशोधित नियमों को भी असंवैधानिक बताया। कोर्ट ने ये भी कहा कि रिजल्ट पुराने नियम के अनुसार तैयार किया जाए।





60 छात्रों की ओर से याचिकाएं दायर की गई थीं। इसमें अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर और विनायक प्रसाद शाह ने आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 4 (4), इसमें 17/2/20 को किए संशोधन और परीक्षा के रिजल्ट को चुनौती दी थी।





ये है मामला: हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं में नियमों की संवैधानिकता और प्रिलिम्स-2019 के घोषित रिजल्ट की वैधता को चुनौती दी गई थी। याचिकाओं के लंबित रहने के दौरान मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने मेंस एग्जाम के नतीजे घोषित कर दिए। बताया जाता है कि PSC ने संशोधित नियमों को दरकिनार कर मेंस का रिजल्ट डिक्लेयर कर दिया। 





गड़बड़ी कहां हुई: उक्त असंवैधानिक नियमों के तहत कुल आरक्षण 113% था। ये आरक्षित वर्ग (Reserved Category) के प्रतिभावान छात्रों को अनारक्षित/ओपन सीट (Unreserved/Open Seat) पर माइग्रेट करने से रोकते थे। इन नियमों को मध्य प्रदेश शासन को हाईकोर्ट के निर्देश के बाद 20 दिसंबर 21 को निरस्त करना पड़ा। 



मध्य प्रदेश हाईकोर्ट MP High Court Jabalpur जबलपुर Results रिजल्ट students छात्र PSC-19 Petitions पीएससी-19 याचिकाएं Exam Canceled परीक्षा रद्द