भोपाल. खरगोन के बिस्टान में आदिवासी (Adivasi) की हिरासत में मौत मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने सख्ती दिखाई है। ठीक से जांच न हो पाने के चलते मुख्यमंत्री ने खरगोन एसपी (SP) को सस्पेंड (Suspend) करने का आदेश दे दिया। 4 पुलिसकर्मियों को पहले ही सस्पेंड कर दिया गया था।
क्या बोले CM?
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पिछले दिनों खरगोन के बिस्टान में एक युवक की मौत हो गई थी। कुछ पुलिसकर्मियों को पहले ही सस्पेंड कर दिया था। अब ठीक से जांच ना हो पाने के चलते एसपी को भी सस्पेंड कर दिया गया है। घटना की न्यायिक जांच (Judicial Enquiry) चल रही है। इसमें जो भी तथ्य आएंगे, उसके हिसाब से आगे की कार्रवाई तय होगी।
ये है मामला
5 सितंबर को खरगोन पुलिस ने लूट (Loot) के शक (Doubt) में 12 आरोपियों (criminal) को गिरफ्तार (arrest) किया था। 6 सितंबर को कोर्ट (court) में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया था। एक आरोपी (criminal) की तबीयत (health condition) खराब होने से उसकी मौत हो गई। 7 सितंबर सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने बिस्टान थाने का घेराव कर लिया और जमकर तोड़फोड़ की। मौके पर SDM भी पहुंचे थे। बताया गया कि रिमांड के दौरान पुलिस ने जमकर पिटाई की, जिससे 4 आरोपियों (criminal) की हालत खराब हुई, जिसमें से एक की मौत हो गई।
मप्र में आदिवासी मुद्दा अभी चरम पर
2023 में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। सत्ताधारी बीजेपी (BJP) और कांग्रेस दोनों की ही आदिवासियों घेरने की कवायद कर रहे हैं। 6 सितंबर को कमलनाथ बड़वानी के दौरे पर गए थे। आदिवासी बहुल बड़वानी, धार, अलीराजपुर (मालवा-निमाड़) को जय युवा आदिवासी संगठन (JYAS- जयस) का गढ़ माना जाता है।
आदिवासी सीटों का समीकरण
मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 47 सीटें अनुसूचित जनजाति यानी आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं। सामान्य वर्ग की 31 सीटों पर भी आदिवासी समुदाय निर्णायक भूमिका में हैं। 2003 के पहले आदिवासी वोट बैंक परंपरागत रूप से कांग्रेस का माना जाता था। बीजेपी ने इसमें सेंध लगा दी और आदिवासी कांग्रेस से छिटक गए। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 47 आदिवासी सीटों में से 30 सीटें झटक लीं, बीजेपी को 16 सीटों से संतोष करना पड़ा।