भोपाल. देश की जानी-मानी सीमेंट कंपनी ACC ने अफसरों की मिलीगत से कटनी में 9 साल तक चूने के पत्थर (Lime Stone) खनन किया। मामले ने जोर पकड़ा तो कंपनी ने स्टेट एन्वायरमेंट इम्पेक्ट असेसमेंट अथॉरिटी (SEIAA) से 2018 में गुपचुप तरीके से मंजूरी ले ली। इस पूरे मामले का खुलासा पर्यावरणविद रमेश शर्मा की शिकायत के बाद हुआ। सीमेंट (Cement) बनाने में लाइम स्टोन प्रमुख उत्पाद (Ingradient) होता है।
केंद्र का कार्रवाई का ऑर्डर
केंद्र सरकार की नाराजगी के बाद एसीसी लिमिटेड ने पत्र लिखकर सफाई दी। कहा कि पर्यावरण स्वीकृति के लिए आवेदन किया था। उन्हें (कंपनी को) लगा कि पर्यावरणीय मंजूरी मिल जाएगी, ये मानते हुए खनन शुरू कर दिया। हालांकि, केंद्र ने एसीसी के जवाब को संतोषजनक नहीं मानते हुए SEIAA को तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही ये पूछा है कि आखिर कंपनी 2009 से 2018 तक बगैर पर्यावरण मंजूरी के कैसे लाइम स्टोन का खनन करती रही। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी ने कौन हैं?
ACC ने कई अफसरों के साथ मिलीभगत की
ACC ने अकेले SEIAA के अफसरों को ही सेट नहीं किया, बल्कि इसमें कटनी के माइनिंग अफसर भी मिले हुए थे। दरअसल, पर्यावरण अनुमति मिलने के बाद ही खनिज विभाग (Mineral Department) खनन की अनुमति के लिए पिट पास यानी भू-प्रवेश पत्र जारी करता है। इसके बाद ही कोई कंपनी या ठेकेदार (Contractor) खदान में खनन शुरू कर सकता है। एसीसी के मामले में इस प्रक्रिया का पालन ही नहीं हुआ।
करोड़ों का नुकसान, पर्यावरण का उल्लंघन
द सूत्र के पास इस मामले से जुड़े हर दस्तावेज मौजूद हैं। इससे साफतौर पर पता चलता है कि किस तरह से देश की नामी कंपनी ने अफसरों के साथ गठजोड़ करके 9 सालों तक अवैध खनन किया। इससे सरकार को करोड़ों का नुकसान तो हुआ ही, साथ ही पर्यावरण कानून का भी उल्लंघन हुआ। मामला केंद्र की जानकारी में आया तो उन्होंने SEIAA के अफसरों को ACC लिमिटेड पर वैधानिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
ऐसी चली कार्रवाई
SEIAA के तत्कालीन चेयरमैन (chairman) राकेश श्रीवास्तव ने आनन-फानन में 8 जनवरी 2021 ने बोर्ड बैठक बुलाकर एसीसी से जवाब-तलब करने को कहा। इसके बाद SEIAA की तत्कालीन सदय सचिव तन्वी सुंदरियाल ने 16 फरवरी 2021 को नोटिस जारी कर 15 दिन में एसीसीस से जवाब मांगा। नोटिस में साफ किया गया कि यदि तय समय में जवाब नहीं दिया जाता तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मजेदार बात यह है कि अफसर एसीसी को नोटिस देकर भूल गए। तत्कालीन चेयरमैन श्रीवास्तव का कार्यकाल 31 मई 2021 को खत्म हो गया। उनकी जगह अरुण भट्ट SEIAA के नए चेयरमैन बने। बड़ी बात ये है कि आज तक इस मामले में एसीसी ने कोई जवाब नहीं दिया। इस पूरे मामले में द सूत्र ने कटनी जिले के कैमोर स्थित एसीसी लिमिटेड के प्लांट डायरेक्टर सुमित चड्ढा को ईमेल कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया।
सवाल-जवाब का दौर
- SEIAA के तत्कालीन सदस्य सचिव जितेन्द्र राजे ने 30 मई 2019 को पत्र लिखकर कहा था कि कई प्रोजेक्टस ऐसे हैं, जिन्होंने 6 महीने में कम्पलाइंस रिपोर्ट पेश नहीं की है। केंद्र जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, एन्वायरमेंट इम्पेक्ट असेसमेंट के लिए हरेक प्रोजेक्ट को हर 6 माह में यानी 1 दिसंबर और 1 जून को कम्पलाइंस रिपोर्ट देना अनिवार्य है। ऐसा न करने वाले प्रोजेक्टस की पर्यावरण अनुमति खुद निरस्त मानी जाएगी।
- 2 जुलाई 2019 को एसीसी लिमिटेड ने सफाई दी कि उन्होंने SEIAA में पर्यावरण अनुमति के लिए आवेदन दिया था। इस उम्मीद में कंपनी ने लाइम स्टोन की खदान में खनन करना शुरू किया था कि उसे पर्यावरण अनुमति मिल जाएगी, लेकिन SEIAA में उनकी फाइल पर लंबे समय तक निर्णय नहीं हुआ। 2018 में उन्हें पर्यावरणीय अनुमति मिली। लेकिन कंपनी ने अपने पत्र में ये उल्लेख नहीं किया कि उन्होंने सीमेंट फैक्ट्री के लिए 2009 से 2018 तक पर्यावरण अनुमति के बिना कैसे और कितना लाइम स्टोन का खनन किया।
- 16 जुलाई 2019 को SEIAA के तत्कालीन सदस्य सचिव जितेन्द्र राजे ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के वैज्ञानिक को पत्र लिखकर कहा कि एसीसी लिमिटेड के 2 जुलाई 2019 के पत्र से साफ होता है कि उन्होंने कटनी जिले में स्थित 5.82 हेक्टेयर की बढ़ारी लाइम स्टोन की माइन में 2009 से अब तक बगैर वैधानिक पर्यावरण अनुमति के खनन किया, जो पर्यावरण संरक्षण एक्ट का उल्लंघन है।
- केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के वैज्ञानिक एसके लाल ने 25 जुलाई 2019 को पर्यावरण मंत्रालय के डायरेक्टर संदीप को चिट्ठी लिखकर कहा कि तत्काल प्रभाव से एसीसी लिमिटेड पर वैधानिक कार्रवाई हो, जो आज तक नहीं हुई।
नपा-तुला सा जवाब
SEIAA के चेयरमैन अरुण भट्ट ने कहा कि मामला हमारी जानकारी में आया है। विभिन्न स्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार ऐसा लगता है कि उल्लंघन हुआ है। इस मामले में हम जल्द ही कड़ी कार्रवाई करेंगे।