Indore. मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव का रंग गहराने लगा है। चुनावी शोरगुल के बीच आयोग ने प्रत्याशियों के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं। अब उम्मीदवारों को प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, एफएम रेडियो पर विज्ञापन जारी करने से पहले अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति के विज्ञापन प्रकाशित या प्रसारित करने पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। वहीं विज्ञापन का खर्च प्रत्याशी के व्यय लेखे में जोड़ा जाएगा। इस बार के चुनाव में महापौर और पार्षद पदों के उम्मीदवारों के लिए खर्च की अधिकतम सीमा भी तय की गई है।
विज्ञापनों और पेड न्यूज पर नजर
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, नगरीय निर्वाचन के दौरान उम्मीदवारों और उनके समर्थकों की तरफ से प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, एफएम रेडियो पर जारी किए जाने वाले विज्ञापनों और पेड न्यूज पर सतत निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए इंदौर जिला पंचायत में जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन एवं प्री-सर्टिफिकेशन कमेटी का गठन किया गया है। जारी निर्देशों के मुताबिक केवल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम 1995 के अनुसार अधिप्रमाणित राजनैतिक विज्ञापनों का प्रसारण ही केबल नेटवर्क के माध्यम से किया जा सकता है। इसका उल्लंघन पाया जाता है तो अधिकारी केबल ऑपरेटर के उपकरण को जब्त कर लेंगे।
दल कर रहा दिन-रात मॉनिटरिंग
जिला पंचायत इंदौर में गठित प्रकोष्ठ ने अपना काम शुरू कर दिया है। निगरानी के लिए अलग-अलग विभागों के अधिकारियों के दल गठित किए गए हैं। ये दल निर्वाचन अवधि में दिन रात मॉनिटरिंग करेंगे। इसके अलावा जो व्यक्ति दुर्भावना से विज्ञापन प्रकाशन करवाएगा तो उसके खर्च को निर्वाचन व्यय में शामिल किया जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता धारा 171 एच के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।