शाजापुर. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के शाजापुर (Shajapur) जिले में एक प्यार की एक अद्भुत मिसाल देखने को मिली है। दरअसल यहां एक किसान (Farmer) ने अपने दो बैलों (Bullock) की मौत पर पूरे धार्मिक रीति-रिवाज से नगर भोज का आयोजन किया। इस दौरान किसान ने नगर भोज में 4 हजार लोगों को भोज कराया और साथ ही गांव के मंदिर में दान भी किया। किसान का कहना है कि उसके बैलों ने बीते 30 साल तक उसका बेटों की तरह साथ निभाया था। यही वजह है कि किसान ने भी अपने बैलों को सम्मानजनक विदाई दी।
यह है पूरा मामला : दरअसल शाजापुर जिले के गांव मदाना में रहने वाले किसान जगदीश सिसोदिया (Jagdish Sisodia) के पास दो बैलों की जोड़ी थी, जिनका नाम राम-श्याम था। इनमें से राम की मौत 3 साल पहले हो गई थी और अब बीती पूर्णिमा के दिन हुई। श्याम की मौत के बाद किसान ने उसके 16वें का कार्यक्रम रखा और उसमें लोगों को नगर भोज कराने का फैसला किया। इस नगर भोज में गांव के साथ-साथ आसपास के गांवों के लोगों को भी बुलाया गया। इस दौरान श्रद्धांजलि (Tribute) सभी भी आयोजित हुई और रस्म पगड़ी का भी कार्यक्रम हुआ।
किसान ने बैलों का अंतिम संस्कार किया : बैलों की मौत पर भोज का आयोजन करने वाले किसान जगदीश सिसोदिया ने बताया कि राम और श्याम बैल उनके पास बीते 30 सालों से थे और खेती किसानी के काम में मदद करते थे। जगदीश सिसोदिया ने कहा कि दोनों बैलों ने बेटों की तरह उनका साथ निभाया। किसान ने बैलों का अंतिम संस्कार (Funeral) करने के साथ ही 11वें दिन उज्जैन जाकर तर्पण भी किया और आज नगर भोज का आयोजन किया। कार्यक्रम के दौरान सुबह 8 बजे गरुड़ भगवान की कथा का आयोजन किया गया, उसके बाद श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें गांव के ग्रामीणों के साथ ही अन्य गांव के लोगों द्वारा नंदी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
भजन संध्या का आयोजन किया : कार्यक्रम में 4 हजार से ज्यादा लोगों ने खाना खाया। इस दौरान 8 क्विंटल आटा और दो क्विंटल शक्कर के अलावा बेसन, तेल और अन्य सामग्री का उपयोग हुआ। भोज में लोगों को नुक्ती, सेव, पुड़ी और कढी परोसी गई। एक दिन पहले रात में खाटू श्याम की भजन संध्या का आयोजन भी किया गया और बाहर से आने वाले मेहमानों के लिए सब्जी पूड़ी का भोज कराया गया।
बैलों का मालिक कौन : बैलों के मालिक जगदीश सिसोदिया ने बैलों की याद में गांव के चमत्कारी मवडी वाले देव दरबार में निर्माण कार्य के लिए 11 हजार और श्री महाकाली कामधेनु गौशाला में 5 हजार रुपए की राशि दान दी। किसान के 5 बेटियां और एक बेटा है। किसान ने बताया कि उनके पास 10 बीघा जमीन है और पूरी खेती का काम राम और श्याम के साथ ही किया, कभी ट्रैक्टर का इस्तेमाल नहीं किया। जगदीश ने बताया कि उन्होंने 12 साल की उम्र में खेती का काम संभाल लिया था और अब वह 42 साल के हैं और तब से अब तक राम और श्याम के भरोसे ही खेती की।