MP: सरकार ने लटेरी गोलीकांड में जिसे पीड़ित मानकर 25 लाख का मुआवजा दिया, पीसीसीएफ ने उसे अपराधी बताया

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The Sootr CG
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MP: सरकार ने लटेरी गोलीकांड में जिसे पीड़ित मानकर 25 लाख का मुआवजा दिया, पीसीसीएफ ने उसे अपराधी बताया

BHOPAL. विदिशा वन मंडल (Vidisha Forest Division) के लटेरी में जंगल माफिया से मोर्चा लेने वाले वनकर्मियों (Forest Workers) के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के विरोध में प्रदेश में वन विभाग (Forest Department) का मैदानी अमला सरकार से मिली बंदूकें औऱ रिवॉल्वर (Guns, Revolvers) लौटा रहा है। इस पर वन विभाग के मुखिया यानी वन बल प्रमुख रमेश कुमार गुप्ता (forest force chief Ramesh Kumar Gupta) ने प्रदेश के सभी क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक एवं फील्ड डायरेक्टर (Regional Chief Conservator of Forests, Field Director) को बकायदा एक परिपत्र जारी कर वन कर्मियों से  बंदूकें और रिवाल्वर नहीं लौटाने की अपील की है। उन्होंने इस पत्र के माध्यम से आक्रोशित वन कर्मियों को आश्वस्त किया है कि लटेरी की घटना में पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ सरकार (Government of MP) में उच्च स्तर पर चर्चा की जा रही है। लेकिन उनके इस पत्र को लेकर एक बड़ा विरोधाभाष और सवाल भी खड़ा हो गया है।







वन बल प्रमुख



वन बल प्रमुख का पत्र।







पीड़ित के परिजन को 25 लाख की आर्थिक सहायता दी 





 वन बल प्रमुख ने पत्र में लटेरी (Leteri Shooting) के जंगलों में मारे गए व्यक्ति को अपराधी बताया है। जबकि सरकार ने इस व्यक्ति के मरने पर उसके परिजनों को 25 लाख की आर्थिक सहायता दी है। सवाल उठता है कि यदि मृतक वन अपराधी है तो सरकार की नीति के अनुसार उसके घर-बार और प्रॉपर्टी भी जेसीबी मशीनों से जमींदोज किया जाना चाहिए था। यदि वो अपराधी नहीं था वन बल प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए कि आखिर उन्होंने किस आधार पर शासकीय पत्र में उसे अपराधी लिखा है।





पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ उच्च स्तरीय चर्चा की जा- आरके गुप्ता  





बता दें कि वन बल प्रमुख आरके गुप्ता ने गुरुवार ( 18 अगस्त 2022) को एक परिपत्र विभाग के सभी मैदानी अफसरों को लिखा है, जिसमें उन्होंने हथियार जमा न करने की अपील की है। गुप्ता ने आक्रोशित वन कर्मियों को आश्वस्त किया है कि पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ उच्च स्तरीय चर्चा की जा रही है। विभाग के मुखिया गुप्ता ने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा है कि विदिशा के लटेरी में वन विभाग की कार्रवाई में अपराधी मारा गया है। सरकार ने वन अमले को बंदूक एवं रिवॉल्वर प्रदेश में वन अपराध रोकने तथा आत्मरक्षा के लिए दिए हैं। इस प्रकार के हथियार के उपयोग के लिए कानून में आवश्यक प्रावधान भी किए गए हैं। 





संयम बरतने की अपील की





वन विभाग के मुखिया ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि विदिशा वन मंडल के तहत हुई घटना में एक अपराधी ( चैन सिंह)  मारा गया है। इस मामले में  वन कर्मियों के विरुद्ध पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई को लेकर सरकार में उच्च स्तर पर चर्चा एवं जांच जारी है। उन्होंने सभी वन कर्मियों से इस घटना को लेकर संयम बरतने की अपील करते हुए कहा है कि वे प्रदेश में वनों एवं वन्य प्राणियों की सुरक्षा का कर्तव्य निभाते रहें। 





प्रदेश की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप के दौर शुरू 





उल्लेखनीय है कि 09 अगस्त को लटेरी में संगठित लड़की चोर गिरोह और वन कर्मियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस घटना में वनकर्मियों द्वारा आत्मरक्षा में किए गए गोली चालन में चैन सिंह नामक आरोपी मारा गया। इस घटना को लेकर प्रदेश की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप के दौर शुरू हो गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर लटेरी एसडीएम ने लकड़ी चोरी के आरोपी मृतक चैन सिंह के परिवार को 25 लाख रुपए का चेक दे दिया है।





2003 में गोलीबारी होने पर वनकर्मियों के खिलाफ दर्ज नहीं हुआ था मामला  





उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 2003 में कांग्रेस की तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार के समय एक जिले के डीएफओ ने वन अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई कि थी।  उस समय हुई गोलीबारी में 4 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन तब एक भी वनकर्मी पर मामला दर्ज नहीं किया गया था। न ही उस समय विपक्षी दलों ने इस पर कोई सवाल खड़े किए थे। 





नहीं हुए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश





लटेरी में वन कर्मियों और संगठित लकड़ी चोर गिरोह के बीच हुई मुठभेड़ में आरोपी चैन सिंह की मौत के बाद कलेक्टर ने मजिस्ट्रियल जांच के मौखिक आदेश दिए थे। घटना के 10  दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक मजिस्ट्रियल जांच नहीं शुरू हुई। इस बीच पुलिस ने हत्या के आरोप में लटेरी के डिप्टी रेंजर निर्मल अहिरवार  को गिरफ्तार कर लिया। जबकि उनके परिजनों  का कहना है कि डिप्टी रेंजर अहिरवार मौके पर थे ही नहीं। इस घटना में शामिल अन्य वन कर्मियों को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार दबिश डाल रही है। यही नहीं इस मामले में लटेरी दक्षिण के रेंजर द्वारा थाना प्रभारी को दिए गए आवेदन पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।  



 



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