भोपाल. मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) ने 18 दिसंबर को मीटिंग बुलाई थी। इसमें साफ किया कि पंचायत चुनाव तय समय पर ही होंगे। OBC सीटों पर चुनाव प्रक्रिया फिलहाल स्थगित रहेगी। SEC ने ये भी कहा कि परिसीमन और रिजर्वेशन की कार्यवाही सरकार को करनी है। सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर को हुई सुनवाई में मध्य प्रदेश की OBC सीटों के चुनाव पर स्टे लगा दिया था।
अब क्या होगा?
राज्य निर्वाचन आयोग के फैसले के बाद अब जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर पंच तक 98 हजार 319 सीटों पर चुनाव फिलहाल नहीं होंगे। प्रदेश में पहले और दूसरे चरण के पंचायत चुनाव के लिए जिला पंचायत सदस्य से लेकर पंच तक अब तक 14 हजार 525 कैंडिडेट फॉर्म जमा कर चुके हैं।
याचिकाकर्ता के वकील की दलील, बीजेपी का तंज
पिटीशनर के वकील विवेक तन्खा ने कहा, ‘हमारी याचिका रोटेशन, जो अनिवार्य है, के विषय में है। रोटेशन संवैधानिक अनिवार्यता है। सरकार का ध्यान रोटेशन को रोकने के तरफ़ था। महाराष्ट्र के फैसले के तरफ सरकार का ध्यान ही नहीं था। मप्र सरकार को जनहित और OBC के हित में जरूरी कदम उठाने चाहिए।’
वहीं, बीजेपी नेता हितेश बाजपेई ने कहा कि मध्य प्रदेश में पंचायतों में पिछड़ा वर्ग के जिस आरक्षण को कांग्रेस ने खत्म करवा दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से आग्रह है कि सुप्रीम कोर्ट से या किसी भी तरीके से पुन: लागू कराएं। आप (शिवराज) पिछड़ा वर्ग हितैषी हैं और कमलनाथ उनके कट्टर दुश्मन।
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