REWA: सरपंच उम्मीदवार को पहले 14 वोट से जीता बताया, कुछ देर बाद 1 वोट से हारा घोषित, आरोप- हाईकोर्ट का निर्देश भी नहीं माना

author-image
The Sootr CG
एडिट
New Update
REWA: सरपंच उम्मीदवार को पहले 14 वोट से जीता बताया, कुछ देर बाद 1 वोट से हारा घोषित, आरोप- हाईकोर्ट का निर्देश भी नहीं माना

राकेश मिश्रा, REWA: रीवा के जवा ब्लॉक की घूमन पंचायत में सरपंच पद के एक उम्मीदवार को पहले 14 वोट से जीता बताने और फिर कुछ देर बाद 1 वोट से हारा घोषित करने का मामला सामने आया है। इस पर उम्मीदवार जगजीवन कोल ने अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ हाईकोर्ट में इंसाफ की गुहार लगाई। उसका आरोप है कि प्रशासन ने हाईकोर्ट के पुनर्गणना कराने के निर्देश का भी अमल नहीं किया। वहीं, सहायक निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि कोर्ट ने पुनर्गणना का नहीं, उम्मीदवार के आवेदन पर विचार करने का निर्देश दिया है। उसे एसडीएम कोर्ट में याचिका लगाने के लिए 30 दिन की मोहलत दी गई है, लेकिन जगजीवन को वहां से न्याय की उम्मीद नहीं है।



     



मतगणना पत्रक में 14 वोट से आगे थाः जगजीवन



  



रीवा जिले के जवा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत घूमन में निकाय चुनाव के तीसरे चरण में 8 जुलाई को वोटिंग हुई थी। बाद में यहीं सरपंच पद के वोटों की गिनती भी कराई गई। चुनाव में सरपंच पद के लिए खड़े हुए जगजीवन कोल के मुताबिक मतों के गणना पत्रक में वे 14 वोट से बढ़त में थे। मौके पर पीठासीन अधिकारी ने बताया कि तुम 14 वोट से जीत चुके हो। लेकिन कुछ देर बाद मुझे एक वोट से हारा हुआ बता दिया गया। 





न्याय के लिए हाईकोर्ट में दी दस्तक



 



जगजीवन कोल ने उसे एक वोट से गांव की प्रधानी से वंचित करने वाले प्रशासन से जब न्याय की उम्मीद नहीं दिखी तो वह हाईकोर्ट की चौखट पर पहुंच गया। जगजीवन ने The Sootr को बताया कि कोर्ट ने सहायक निर्वाचन अधिकारी (एआरओ) जवा को मतपत्रों की फिर से गिनती करने का आदेश दिया, लेकिन प्रशासन ने उस आदेश को नहीं माना और अपने निर्णय पर कायम रहा। इधर, गुरुवार (14 जुलाई 22)  को उस उम्मीदवार को घूमन के सरपंच निर्वाचित होने का प्रमाण पत्र दे दिया, जो चुनाव में हार चुका था। अब जगजीवन न्याय की उम्मीद में यहां-वहां भटक रहा है।





हाईकोर्ट ने याचिका पर ये निर्देश दिया 





हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई की बाद जस्टिस विवेक अग्रवाल ने फैसला देते हुए लिखा कि यह याचिका इस आधार पर दायर की गई है कि 8 जुलाई को पंचायत का चुनाव हुआ था। याचिकाकर्ता ने उसी दिन चुनाव के पीठासीन अधिकारी से मतों की पुनर्गणना कराने का अनुरोध किया गया था। लेकिन इस अनुरोध और मप्र पंचायत निर्वाचन अधिनियम, 1995 के नियम 80(1) प्रावधान के बाद भी पुनर्गणना नहीं कराई गई। इस मामले में राज्य निर्वाचन आयोग के वकील सिद्धार्थ सेठ ने स्पष्ट कि यदि यह पाया जाता है कि उम्मीदवार का आवेदन मतगणना के दिन दिया गया है तो उस पर सक्षम अधिकारी द्वारा उसी दिन यानी 13 जुलाई को या फिर 14 जुलाई को चुनाव का अंतिम नतीजा घोषित करने से पहले निर्णय लिया जाएगा। लिहाजा याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर निर्धारित समय सीमा में निर्णय लिया जाए। 





चुनाव में जीत-हार तय करना पीठासीन अधिकारी की जिम्मेदारी





इस मामले में राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह का कहना है कि आयोग का काम चुनाव कराना है। चुनाव में उम्मीदवार की जीत-हार का ऐलान करना पीठासीन अधिकारी की जिम्मेदारी है। हाईकोर्ट का आदेश है कि यदि प्रत्याशी उसी दिन पुनर्गणना की मांग करता है तो उसकी मांग पर विचार किया जाए। यदि उसने ऐसा किया है तो उस आदेश का पालन हुआ होगा। 





हाईकोर्ट ने पुनर्गणना का आदेश नहीं दियाः एआरओ  



      



जगजीवन के आरोपों के संबंध में जवा के तहसीलदार एवं एआरओ चंद्रमणि सोनी ने बताया कि हाईकोर्ट ने मतों की पुनर्गणना का आदेश नहीं दिया है। कोर्ट ने कहा कि जगजीवन के आवेदन पर विचार करें। विचार करने पर पाया गया कि उसके आवेदन में पुख्ता आधार नहीं है। लिहाजा आवेदन खारिज कर दिया गया। अगर उसे लगता है कि गलत हुआ तो वह एसडीएम कोर्ट में याचिका लगा सकता है । उसे जरूरी दस्तावेज दे दिया जाएगा। उसके पास 30 दिन का समय है।



High Court हाईकोर्ट Rewa रीवा mp panchayat election Won मप्र पंचायत चुनाव Ghooman Panchayat Sarpanch Candidate Jagjeevan KOl Loose घूमन पंचायत सरपंच कैंडिडेट जगजीवन कोल जीता हारा