मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। महाराष्ट्र सरकार के द्वारा OBC आरक्षण बढ़ाए जाने के खिलाफ दायर याचिका के साथ ही मध्यप्रदेश की पंचायत चुनाव में रोटेशन का पालन न करने वाली याचिका की सुनवाई एक साथ होगी।कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 13 दिसंबर तय की है।
सुप्रीम कोर्ट की शरण में कांग्रेस
मप्र हाईकोर्ट के चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार करने पर कांग्रेस ने देश की शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया है। कांग्रेस नेता सय्यद जाफर और जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर आरक्षण और परिसीमन की प्रकिया और कोरोना का हवाला देकर चुनाव टालने की मांग की है। लेकिन इस बीच सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की अगली तारीख दे दी है, अब याचिका पर 13 दिसंबर को सुनवाई होगी।सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले इस मामले में हाईकोर्ट ने 9 दिसंबर को मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
हाईकोर्ट ने रोक लगाने से किया था मना
सरकार ने 2019-20 में पंचायत चुनाव का आरक्षण निर्धारित कर दिया था। इसकी अधिसूचना जारी हो गई थी। इस पुरानी अधिसूचना को निरस्त किए बिना सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से नई अधिसूचना जारी कर दी। राज्य सरकार ने 21 नवंबर 2021 को आगामी पंचायत चुनाव को 2014 के आरक्षण रोस्टर के आधार पर कराने की घोषणा की है। याचिका में कमल नाथ सरकार के समय हुए परिसीमन को निरस्त करने और 2014 की स्थिति में लागू परिसीमन व आरक्षण के आधार पर पंचायत चुनाव कराने पर आपत्ति उठाई गई है।
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