BHOPAL. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में संचालित हो रहे प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों (Private Nursing College) को लेकर राज्य सरकार (Government of MP) ने नए नियम लागू किए है। नियमों में किए गए संशोधन (Amendment in rules) के मुताबिक, अब किराए के भवन में नर्सिंग कॉलेज चलाना मुश्किल होगा। संस्था को स्वयं का भवन बनाना ही होगा। ऐसा न करने पर 25 लाख रुपए की बैंक गारंटी राजसात (जब्त) कर ली जाएगी। नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता (Recognition of Nursing Colleges) को लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग (Medical Education Department) ने 1 अगस्त 2022 को नियमों में संशोधन जारी किया है।
ये हैं नए नियम
- यदि किसी संस्था के पास अपना अकादमिक भवन नहीं हैं तो उसे ऑनलाइन आवेदन करते समय ही शपथ पत्र देना होगा कि वो 5 साल के अंदर संस्था का भवन तैयार कर लेंगे। साथ ही नर्सिंग रजिस्ट्रेशन कौंसिल के दफ्तर में 25 लाख की बैंक गारंटी जमा करानी होगी।
अकादमिक भवन बनाने के लिए यदि संस्था किसी जमीन को लीज पर लेती हैं तो उसकी लीज डीड भी कम से कम 30 साल के लिए होनी चाहिए।
कोई भी संस्था एक ही जिले में दो नर्सिंग कॉलेजों का संचालन नहीं कर सकेगी। यदि पहले से दो कॉलेज संचालित कर रही है तो उनके नाम एक जैसे या मिलते-जुलते नहीं होने चाहिए।
नर्सिंग कॉलेज में प्राचार्य के पद पर नियुक्ति के लिए शिक्षा एमएससी नर्सिंग होना और अध्यापन का अनुभव 12 साल का होना जरूरी किया गया है। इन 12 सालों में से 5 साल नर्सिंग कॉलेज में पढ़ाने का अनुभव होना चाहिए।