MP: दवा खरीदी घोटाले में सीनियर IAS राजेश राजौरा को मिली क्लीनचिट, जानें डिटेल

author-image
Shivasheesh Tiwari
एडिट
New Update
MP: दवा खरीदी घोटाले में सीनियर IAS राजेश राजौरा को मिली क्लीनचिट, जानें डिटेल

Bhopal. मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग (Madhya Pradesh Health Department) के दवा खरीदी घोटाले (drug purchase scam) में तत्कालीन स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. राजेश राजौरा (Rajesh Rajoura) को क्लीनचिट (cleanchit) मिल गई है। राजौरा वर्तमान में अपर मुख्य सचिव गृह (Additional Chief Secretary)  के पद पर पदस्थ हैं। इस मामले में राजौरा के साथ तत्कालीन संचालक डॉ. योगीराज शर्मा, डॉ. अशोक वीरांग और एमएम माथुर प्रशासकीय अधिकारी के नाम थे। लोकायुक्त ने इन सभी के खिलाफ 2009 में मामला दर्ज किया था। 



कोर्ट में खात्मा रिपोर्ट पेश हुई



लोकायुक्त (Lokayukta) ने इस मामले में प्रमाण के अभाव में 2013 में कोर्ट में खात्मा पेश किया था। लेकिन भोपाल विशेष न्यायालय (Special Court) ने मामले की सुनवाई करने के बाद वर्ष 2021 में लोकायुक्त के खात्मे को अस्वीकार कर नए सिरे से 5 बिन्दुओं पर जांच करने के आदेश दिए थे। लोकायुक्त संगठन ने इन बिन्दुओं पर जांच करके नए सिरे से खात्मा प्रस्ताव पेश किया था। जिसे लोकायुक्त की विशेष न्यायालय ने 10 जून को स्वीकार करते हुए सभी अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी।



यह है पूरा मामला



उल्लेखनीय है कि लोकायुक्त ने इस आधार पर प्रकरण दर्ज किया कि 0.75 ग्राम स्ट्रेप्टोमाईसिन इंजेक्शन (Streptomycin Injection) जब भारत सरकार उपलब्ध कराती है तो मप्र स्वास्थ्य विभाग ने क्यों खरीदे। जांच में पाया गया कि स्वास्थ्य विभाग ने 0.75 ग्राम की स्ट्रेप्टोमाईसिन नहीं, बल्कि 1.00 ग्राम स्ट्रेप्टोमाईसिन के इंजेक्शन खरीदे थे जो कि प्रसव के बाद इंफेक्शन रोकने के लिए दिए जाते हैं। जबकि भारत सरकार से मिलने वाले 0.75 ग्राम स्ट्रेप्टोमाईसिन टीबी इंफेक्शन रोकने के लिए दिया जाता है।


Madhya Pradesh Health Department Special Court स्ट्रेप्टोमाईसिन इंजेक्शन विशेष न्यायालय अपर मुख्य सचिव क्लीनचिट राजेश राजौरा दवा खरीदी घोटाला Streptomycin Injection लोकायुक्त Additional Chief Secretary Clean Chit Rajesh Rajoura Lokayukta Drug Purchase Scam मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग