BHOPAL. मध्य प्रदेश में पहली बार सरकारी स्कूल टीचर्स (Govt School Teachers) के लिए स्थाई ट्रांसफर पॉलिसी शुरू की जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2 अगस्त को कैबिनेट बैठक में कहा कि स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार एक बार इस पॉलिसी के पॉइंट्स का परीक्षण कर लें, फिर इसे लागू किया जाए।
स्कूल शिक्षा विभाग के मुताबिक, टीचर्स के अलावा अन्य कर्मचारियों के ट्रांसफर में यह पॉलिसी लागू होगी। इसके अनुसार टीचर व अन्य संवर्ग के ट्रांसफर हर साल 15 मई तक किए जाएंगे। स्वैच्छिक ट्रांसफर के लिए टीचर्स को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ट्राइबल एरिया में प्रशासकीय आधार पर पदस्थ टीचर्स को प्रोत्साहन भत्ता मिलेगा।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी को कैबिनेट ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इसके तहत दूसरे जिले या संभाग के टीचर को प्रमोशन पर पदस्थ नहीं किया जा सकेगा। पहले प्राथमिकता के आधार पर प्रशासनिक और फिर स्वैच्छिक ट्रांसफर होंगे। गंभीर शिकायतों, प्रतिनियुक्ति से वापसी, कोर्ट निर्णय के पालन और स्कूलों में खाली पद भरने के लिए प्रशासनिक स्तर पर ट्रांसफर किया जाएगा। अब तक सरकार स्कूल के टीचर्स के लिए हार साल पॉलिसी लागू करती आ रही है।
विशेष परिस्थितियों में होगा डेपुटेशन
पॉलिसी के मुताबिक, दूसरे विभागों में टीचर को प्रतिनियुक्ति (डेपुटेशन) पर विशेष परिस्थिति में ही भेजा जाएगा। टीचर और प्रिंसिपल को जनप्रतिनिधियों की निजी स्थापना में पदस्थ नहीं किया जाएगा। नए टीचर को ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में 3 साल या परिवीक्षा (प्रोबेशन) अवधि पूरी करनी होगी। इन टीचर्स को पूरी सर्विस में 10 साल ग्रामीण क्षेत्रों में रहना होगा। उन्हें इसका एफिडेविट देना होगा। हालांकि विशेष स्कूलों के लिए चयन परीक्षा से चयनित शिक्षकों को इसमें राहत दी जाएगी।
10 साल से शहर में रहे टीचर्स भेजे जाएंगे गांव
शहरी क्षेत्रों में 10 साल तक पदस्थ शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जाएगा। ऐसे टीचर्स स्वैच्छिक ट्रांसफर प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे। अध्यापक संवर्ग से आए शिक्षकों को भी ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में 5 से 10 साल रहना होगा, जबकि 3 साल में सेवानिवृत्त होने वाले गंभीर बीमार या विकलांग और एक साल से कम की सेवा व 40% या उससे ज्यादा निशक्तता होने पर ट्रांसफर नहीं किया जाएगा।
कैबिनेट में ये फैसले भी
- नक्सल प्रभावित क्षेत्रों मे कार्यरत हॉक फोर्स के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ अन्य पुलिस अधिकारियों को 19 हजार रुपए से ज्यादा राशि विशेष भत्ते के रूप में मिलेगी।