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भोपाल. पूर्व सीएम कमलनाथ (Former CM KamalNath) ने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती ( Swami Vivekananda's birth anniversary) के उपलक्ष्य में होने वाले सामूहिक सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) के आयोजन पर रोक लगाने की मांग की है। पूर्व सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण (Corona infection) के मामलों को देखते हुए 23 दिसंबर 2021 को कोरोना नियमों के पालन का निर्देश जारी किया था। जिसमें सरकार ने जनसमूह इकट्ठा होने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश दिए थे, लेकिन शिवराज सरकार अपने निर्णयों का पालन खुद ही नहीं करती। उनके बेतुके फैसलों से प्रदेश में कोरोना गाइडलाइन्स का मजाक उड़ रहा है, वहीं प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है।
कोरोना गाइडलाइन टूटने की शंका : प्रदेशभर के स्कूलों में स्वामी विवेकानंद की जयंती पर सामूहिक सूर्य नमस्कार के आयोजन के निर्देश जारी किए गए हैं। हम सूर्य नमस्कार का विरोध नहीं करते। कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए हमारी राज्य सरकार से मांग है कि सामूहिक रूप से सार्वजनिक स्थलों पर ऐसे भीड़ वाले आयोजन न कराएं, इसकी जगह हम सभी को मिलकर अपने घरों में सूर्य नमस्कार करना चाहिए। सूर्य नमस्कार के सामूहिक आयोजनों से प्रदेश में कोरोना गाइडलाइन भी टूटेगी, जनसमूह एकत्रित होगा, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं हो सकेगा, मास्क लगाकर सूर्य नमस्कार करना स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक है।
कमलनाथ की अपील : पूर्व सीएम कमलनाथ ने आगे कहा कि राज्य शासन ने स्कूल शिक्षा विभाग को आदेश जारी किया है, जिसके चलते प्रदेशभर के स्कूलों में सूर्य नमस्कार का अभ्यास भी कराया जा रहा है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की जो स्थिति है उसे देखते हुए राज्य सरकार का ये निर्णय बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाला है। सरकार को ऐसे आयोजनों को तत्काल स्थगित करके घरों में ही लोगों से सूर्य नमस्कार करने की अपील करनी चाहिए। प्रदेश सरकार ने शादियों में 250 लोगों और शवयात्रा में 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी है। सभी तरह के मेला आयोजनों पर भी रोक लगाई है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए मैं मध्य प्रदेश सरकार से सार्वजनिक स्थलों और स्कूलों में सूर्य नमस्कार के आयोजनों पर रोक लगाने की मांग करता हूं।