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भोपाल. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में व्यापमं कार्यालय के बाहर MP-TET और आरक्षक भर्ती परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों ने प्रदर्शन किया। उम्मीदवारों ने MP-TET परीक्षा को रद्द करने की मांग की। इसके साथ ही आरक्षक भर्ती परीक्षा की जांच कराने की मांग की। वहीं, वह सैनिक भी प्रदर्शन में पहुंचे, जिन्होंने आरक्षक भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया था। सैनिकों की मांग है कि उन्हें पूर्व की भांति आरक्षण दिया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बयान जारी किया है कि जिस अधिकारी के मोबाइल फोन में परीक्षा का पेपर पाया गया है, उस पर कार्रवाई हो। शिवराज सरकार भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाली नीति का तुरंत त्याग करें।
नाथ ने शिव से कार्रवाई की मांग की: मध्यप्रदेश में लाखों नौजवान रोजगार और सरकारी नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह परीक्षार्थी वर्षों से कड़ी मेहनत करने के बाद परीक्षा में बैठते हैं और योग्यतम उम्मीदवार चयनित होते हैं। लेकिन जिस तरह से मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी के मोबाइल फोन पर परीक्षा का प्रश्न पत्र पाया गया है, यह अत्यंत गंभीर चिंता का विषय है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दागी कर्मचारी का संरक्षण करने के बजाए तत्काल मामले की जांच करानी चाहिए, ताकि परीक्षार्थियों का भविष्य सुरक्षित हो और मध्यप्रदेश में दूसरा व्यापम घोटाला होने की आशंकाएं समाप्त हों।
मुख्यमंत्री को तत्काल श्री मिश्रा के ऊपर लगाए गए झूठे मामले वापस लेने चाहिए और दोषी अधिकारी को निलंबित कर मामले की पूरी जांच करानी चाहिए। आपने व्यापम का नाम बदल दिया है लेकिन उसमें घोटाले का काम अभी जारी है। आप मध्य प्रदेश को घोटाला मुक्त प्रदेश कब बनाएंगे?
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) March 28, 2022
चोरी और सीनाजोरी का मामला: कमलनाथ ने कहा कि आरोपी अधिकारी पर कार्रवाई करने की जगह घोटाले को उजागर करने वाले कांग्रेसी नेताओं और विसलब्लोअर आनंद राय पर एफआईआर कराई जा रही है। यह सरासर कानून का उल्लंघन है और प्रदेश में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की नीति का परिचायक है। यह सीधे-सीधे चोरी और सीनाजोरी का मामला है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री से सवाल किए: यह अत्यंत गंभीर मामला है। मैं मुख्यमंत्री से पूछना चाहता हूं कि मप्र प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग-3 यदि ऑनलाइन थी, मोबाइल फोन पूरी तरह वर्जित थे, तो 35 पेज का प्रश्नपत्र, आंसर शीट मोबाइल के स्क्रीन शॉट में लीक कैसे हुई?
कमलनाथ ने कहा कि व्यापम घोटाले के समय भी मुख्यमंत्री से जुड़े एक प्रमुख अधिकारी का नाम सामने आया था। उस अधिकारी ने जिला कोर्ट भोपाल से अग्रिम जमानत ली थी। लेकिन उसके बाद क्या कार्रवाई हुई?
कमलनाथ ने कहा कि इस तरह के घोटालों के कारण ना सिर्फ छात्रों के भविष्य अंधकारमय हो जाता है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की छवि को दाग लगता है। जिस तरह से व्यापम घोटाले और अब वर्तमान व्यापम-2 घोटाले में मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों पर ही उंगलियां उठ रही हैं, उसमें सबसे पहली जरूरत यह है मुख्यमंत्री दागी कर्मचारी को तत्काल निलंबित करें और मामले की निष्पक्ष जांच करवाएं।
कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेसी नेता केके मिश्रा पर लगाए गए तमाम मुकदमे तुरंत हटाए जाएं। उन्होंने जो गंभीर सवाल उठाए हैं, उन पर तुरंत कार्रवाई की जाए।