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भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सरकारी स्कूलों (Government Schools) में पदस्थ अब कोई भी शिक्षक (Teachers) छात्रों को पढ़ाने में आनाकानी नहीं कर पाएंगे और ना ही कोई बहाना बना पाएंगे। विभाग ने एक शाला एक परिसर ( ek shaala ek parisar) के तहत आए शिक्षकों के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। नई व्यवस्था के चलते अब सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों (guest teachers) की नियुक्ति (appointment) भी नहीं करनी पड़ेगी।
कम-से-कम 6 पीरियड पढ़ाने होंगे : लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने एक शाला एक परिसर योजना के तहत संचालित स्कूलों में नई व्यवस्था लागू कर दी है। इस नई व्यवस्था के तहत अब इन स्कूलों में मौजूदा स्टॉफ से पढ़ाई का पूरा काम हो सकेगा। यानि स्कूल में पदस्थ हर शिक्षक को हर रोज अब कम से कम 6 पीरियड (period) लेने होंगे। इससे स्कूलों में अतिरिक्त अतिथि शिक्षकों की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय (Directorate of Public Instruction) ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। दरअसल, प्रदेशभर के कई सरकारी स्कूलों से अतिथि शिक्षकों की अतिरिक्त मांग को देखते हुए लोक शिक्षण संचालनालय ने यह निर्णय लिया है।
यह है आदेश : लोक शिक्षण संचालनालय आयुक्त अभय वर्मा (Commissioner Abhay Verma) ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा है कि एक शाला एक परिसर योजना के तहत एकीकृत रूप से संचालित स्कूलों में कक्षा 6वीं से 10वीं की पढ़ाई कराई जा रही है। माध्यमिक और हाई स्कूल में पहले से पदस्थ शिक्षक अब एकीकृत स्कूलों शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। ऐसे में संसाधनों के युक्तियुक्त उपयोग के देखते हुए इन स्कूलों कार्यरत सभी शिक्षकों को अब कक्षा 6वीं से 10वीं तक की कक्षाओं में समान रूप पढ़ाना होगा। पूर्व के प्रावधान के अनुसार मिडिल स्कूलों में न्यूनतम 3 शिक्षक और हाई स्कूल में न्यूनतम 6 शिक्षकों के स्थान पर अब ऐसे एकीकृत (6वीं से 10वीं) स्कूलों न्यूनतम 6 शिक्षक ही उपलब्ध होंगे। वह एकीकृत स्कूल जहां व्याख्याता, उच्च माध्यमिक शिक्षक पदस्थ हैं उनके द्वारा कक्षा 6वीं से 12वीं तक की कक्षाओं में पढ़ाया जाएगा। यानि व्याख्याता, उच्च माध्यमिक शिक्षकों द्वारा उनके विषय की 11वीं तथा 12वीं कक्षाओं के अलावा अतिरिक्त विद्यालय की शैक्षणिक आवश्यकता के अनुसार कक्षा 6वीं से 10वीं तक की कक्षाओं में भी पढ़ाया जाएगा।
लापरवाही की तो होगी करवाई : आयुक्त ने अपने आदेश में कहा है कि 6वीं से 10वीं तक की कक्षाओं में पढ़ाई व्याख्याता, उच्च माध्यमिक शिक्षकों द्वारा उनके स्नातक के विषय के आधार पर कराई जाएगी। सभी व्याख्याता, उच्च माध्यमिक शिक्षक, शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक द्वाराा दिन में सामान्यत: 6 पीरियड पढ़ाने होंगे। सभी एकीकृत स्कूलों में अध्यापन व्यवस्था सुनिश्चित करने के बाद ही जरूरी होने पर अतिथि शिक्षकों की मांग स्वीकृत की जाएगी। आयुक्त ने अधिकारियों इन निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने और लापरवाहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही के आदेश दिए हैं।