भोपाल. मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मुकेश जैन के खिलाफ सीएम शिवराज सिंह चौहान से फर्जी शिकायतें करने मामले में अहम खुलासा हुआ है। ये फर्जी शिकायतें ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के PA सत्यप्रकाश शर्मा ने करवाई थीं। शर्मा ने अपने ड्राइवर अजय सालुंके के जरिए एक पत्रकार के नाम से सीएम समेत 7 जांच एजेंसियों को ये शिकायतें भेजीं। शर्मा ने प्रदेश के टोल नाकों पर 50 करोड़ की अवैध वसूली का आरोप लगाया था।
मामले का खुलासा तब हुआ, जब जर्नलिस्ट धर्मवीर कुशवाह के पास स्पीड पोस्ट के मैसेज आए। क्राइम ब्रांच ने सत्यप्रकाश शर्मा के ड्राइवर सालुंके को गिरफ्तार कर लिया है। सत्यप्रकाश शर्मा फरार है। धर्मवीर के नाम से मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और ट्रांसपोर्ट कमिश्नर जैन की शिकायतों के लिफाफे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, रजिस्ट्रार हाईकोर्ट, CBI, बीजेपी संगठन मंत्री, महानिदेशक लोकायुक्त समेत अन्य स्थानों पर भेजे जाने थे।
स्थानीय अखबार निकालते हैं कुशवाह
ग्वालियर में सिंधिया नगर के रहने वाले 44 साल के धर्मवीर कुशवाह लोकल अखबार का संचालन करते हैं। 4 अप्रैल 2022 की रात 10.15 बजे उनके मोबाइल पर स्पीड पोस्ट बुक करने के 9 मैसेज आए। मैसेज देखकर वे चौंक गए, क्योंकि उनके द्वारा कोई भी स्पीड पोस्ट नहीं किया गया था। इस पर धर्मवीर ने आर्टिकल नंबर लेकर सर्च किया, तो पता लगा कि यह पार्सल डाकघर काउंटर स्टेशन से बुक किया गया था। इसके बाद धर्मवीर खुद स्टेशन पहुंचे।
पत्रकार ने खुद की तफ्तीश
धर्मवीर ने अगले दिन यानी 5 अप्रैल को आवेदन देकर सभी स्पीड पोस्ट को रिकॉल कराया। इस पर 7 अप्रैल को धर्मवीर के घर के पते पर 6 स्पीड पोस्ट रुकवा दीं, लेकिन तीन पोस्ट हो गई थीं। जब उन लिफाफों को खोलकर देखा, तो अंदर पेपर्स में चौंकाने वाली जानकारी मिली। उनके नाम से किसी ने परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मुकेश जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें की थीं। धर्मवीर का कहना है कि उनका इन शिकायतों से लेना देना नहीं है। उन्होंने तुरंत क्राइम ब्रांच से शिकायत की। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए केस दर्ज कर लिया।
CCTV से शर्मा के ड्राइवर का पता चला
पुलिस ने जब स्टेशन स्थित डाकघर के CCTV खंगाले, तो बुकिंग के समय एक युवक लिफाफे लेकर आता दिखा। उसकी पहचान ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मुकेश जैन के पीए सत्यप्रकाश शर्मा के ड्राइवर अजय सालुंके के रूप में हुई। पुलिस ने अजय से पूछताछ की, तो उसने सब कबूल लिया। सालुंके ने बताया कि उसने सत्यप्रकाश शर्मा के कहने पर ही पोस्ट किया था। इससे पहले भी वह फर्जी नामों से शिकायत करने जाता था। पुलिस ने सत्यप्रकाश का नाम FIR में बढ़ाने के बाद उसकी तलाश शुरू कर दी है।
धर्मवीर ने इसे साजिश बताया है। वे कहते हैं कि अगर कोई मेरे नाम से शिकायत करके परिवहन मंत्री और आयुक्त को मेरे खिलाफ करना चाहता है तो इसमें उसका कुछ फायदा होगा। पुलिस जांच कर रही है। मामले में एएसपी सिटी राजेश दंडोतिया का कहना है कि उनके पास शिकायत आई थी। इसमें धर्मवीर कुशवाह ने बताया था कि उनके नाम से फर्जी शिकायतें की जा रही हैं। इस पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।