ग्वालियर में सीबीआई मामलों की विशेष कोर्ट ने पीएमटी 2010 में गड़बड़ी करने वाले 6 आरोपियों को पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई है। मामले में दो परीक्षार्थी हैं। आरोपियों ने एग्जाम में अपनी जगह सॉल्वर बैठाया था। दोषियों को 3700 रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
जांच में फर्जीवाड़ा सामने आया: रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई ने प्री-मेडिकल टेस्ट (PMT-2010) में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ केस दर्ज किया था। परीक्षा गर्वमेन्ट पी.जी. कॉलेज, गुना में 20 जून 2010 को हुई थी। इसमें परीक्षार्थी जितेन्द्र कुमार राजपूत और दीपक प्रजापति ने अपनी जगह सॉल्वर मोहम्मद इमरान और राजेश प्रसाद को बैठाया था।
क्या था व्यापम घोटाला ?: व्यापमं एक प्रोफेशनल एजुकेशन का संक्षिप्त रूप है, जिसके तहत राज्य में प्री मेडिकल टेस्ट, प्री इंजीनियरिंग टेस्ट और कई सरकारी नौकरियों के एग्जाम होते हैं। यह एक मंडल के रूप में काम करता है। पिछले कुछ वर्षों में व्यापमं परीक्षा घोटाले में तब्दील तब हो गया। घोटाले की शुरुआत हुई कॉन्ट्रैक्ट टीचर वर्ग-1 और वर्ग-2 और मेडिकल एग्जाम से। इसमें ऐसे लोगों को पास किया गया, जिनमें एग्जाम में बैठने तक की योग्यता नहीं थी। और तो और तमाम सरकारी नौकरियों से लेकर पुलिस भर्ती तक हजारों लोगों की भर्तियां नियमों को ताक पर रखकर की गईं। खासकर वो नौकरियां व प्रवेश जो 2010 के बाद परीक्षाओं के तहत दिये गये। इस घोटाले में बड़े-बड़े मंत्रियों, आईएएस अधिकारियों और व्यापारियों से लेकर क्लर्क ग्रेड तक के नाम सामने आये थे।