भोपाल. 18 जनवरी को मध्यप्रदेश कैबिनेट की मीटिंग (mp cabinet decision) हुई। कैबिनेट ने इस मीटिंग में नई आबकारी नीति को मंजूरी दी है। ये आबकारी नीति (New liquor policy) 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक प्रस्तावित थी। इस पॉलिसी में नई शराब की दुकानें खोलने का प्रस्ताव था, उसे सीएम शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj) ने खारिज कर दिया है। इस वजह से मध्यप्रदेश में नई शराब की दुकानें नई खोली जाएगी। लेकिन नई शराब पॉलिसी से शराब सस्ती होगी, और डिमांड बढ़ने के कारण इसकी बिक्री बढ़ेगी।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narrottam mishra) ने बताया कि पुरानी बॉटलिंग फीस पहले के जैसे ही रहेगी। 50 हजार रूपए वार्षिक लाइसेंस फीस (license fees) पर होमवार लाइसेंस 1 करोड़ सालाना आय वाले व्यक्तियों को दिया जाएगा। बीयर यूनिट (Beer unit) को लीज पर किसी पंजीकृत संस्था को दिया जा सकेगा। उस दुकान का सालाना टर्नओवर 5 करोड़ रुपए हो। अंगूर से बनाई गई वाइन को मध्यप्रदेश में साल 25-26 तक आबकारी शुल्क से मुक्त रखा गया है। साथ ही जामुन से शराब बनाने की भी अनुमति दी गई है।
महिलाओं के लिए बड़ा फैसला: अगर किसी बेटी और बहू के साथ घरेलू हिंसा होती है। उसमें नातेदार (देवर, ससुर) शामिल हैं। घरेलू हिंसा (domestic violence) से पीड़ित महिलाओं को 40 प्रतिशत क्षति पर 2 लाख रुपए और 40 प्रतिशत से अधिक क्षति पर 4 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा, और कोर्ट में चल रहे पूरे प्रकरण के दौरान कोर्ट आने-जाने, स्वास्थ्य संबंधी खर्च भी दिया जाएगा। इसके लिए SP, CMHO कलेक्टर को पत्र लिखेंगे। जिसके बाद महिला को राशि मिलेगी।
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा:
गृह मंत्री @drnarottammisra कैबिनेट बैठक में हुए अहम निर्णयों की जानकारी दे रहे हैं https://t.co/uzYGtsSJ8r
— Jansampark MP (@JansamparkMP) January 18, 2022
कैबिनेट ये फैसले भी लिए
1. अर्ध घुमक्कड़, घुमक्कड़ जनजातीय विभाग का नाम बदलकर घुमत्तू और अर्धघुमत्तू करने का प्रस्ताव को भी कैबिनेट हरी झंडी है।
2. अगर कोई पहले से सरकारी नौकरी में है। वो व्यक्ति प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड का कोई भी एग्जाम देता है। उस कैंडिडेट को 5 फीसदी नंबर सरकार देगी। इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लग गई है।
3. भोपाल गैस त्रासदी और पुर्नवास विभाग के अंदर जो आयुष्मान निरीह योजना में 5 लाख रुपए तक का फ्री इलाज होता था। इस योजना में गैस पीड़ितों के बच्चों को भी शामिल करने के प्रस्ताव पर मुहर लगी है।
4. विशेषज्ञों के 25 फीसदी पद सीधी भर्ती से भरे जाएगे। बाकी के 75 फीसदी पदों की भरने की कार्रवाई के संबंध में भी आज निर्णय लिया गया है।