MP कैबिनेट के फैसले: संपत्ति नुकसान वसूली एक्ट को मंजूरी, इन प्रस्तावों की मिली हरी झंडी

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MP कैबिनेट के फैसले: संपत्ति नुकसान वसूली एक्ट को मंजूरी, इन प्रस्तावों की मिली हरी झंडी

भोपाल. 16 दिसंबर को भोपाल में शिवराज कैबिनेट (MP Shivraj Cabinet Meeting) की बैठक हुई। इसमें सरकारी और निजी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली के लिए विधेयक को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी। अब इस एक्ट को विधानसभा में रखा जाएगा। कैबिनेट ने 9373 करोड़ की 6 हजार 117 गांव में टोंटी से शुद्ध पेयजल पहुंचाने की परियोजना की अनुमति दे दी। 72 प्रॉसिक्यूटर (लोक अभियोजक) के पदों को PSC के जरिए भरा जाएगा।

10 हजार करोड़ का सप्लीमेंट्री बजट

कैबिनेट ने 10 हजार करोड़ के द्वितीय सप्लीमेंट्री बजट (MP Supplementary Budget) को मंजूरी दी है। अब इसे 20 दिसंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। शिवराज सरकार की नई घोषणाओं को पूरा करने में इस बजट का उपयोग किया जाएगा। कैबिनेट ने ये भी फैसला लिया कि नर्मदा जयंती (Narmada Jayanti) और शिवरात्रि पर्व को भव्य रूप से मनाया जाएगा। तेजस्विनी योजना में महिला बाल विकास विभाग के स्व सहायता समूह में एकीकरण किया जाएगा।

संपत्ति नुकसान वसूली एक्ट

कैबिनेट ने संपत्ति नुकसान वसूली एक्ट (property damage recovery act) को मंजूरी दी है। अब इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा। इस कानून के दायरे में प्रदर्शनकारी और आंदोलनकारी आएंगे। अगर प्रदर्शन, आंदोलन, पत्थरबाजी के दौरान किसी तरीके से सरकारी (Govt) या निजी संपत्ति (Private Property) को नुकसान पहुंचाया जाता है तो सरकार उन्हीं से इस नुकसान की वसूली (Damage Recovery) करेगी। 

इस एक्ट को लागू कराने के लिए ट्रिब्यूनल (Tribunal) का गठन होगा। ट्रिब्यूनल के पास सिविल कोर्ट (Civil Court) की ताकत होगी। इसके फैसले को सिर्फ हाईकोर्ट में ही चुनौती दी जा सकती है। मध्यप्रदेश सरकार इस कानून को लागू करने वाला तीसरा राज्य होगा। इस समय यह कानून हरियाणा और उत्तरप्रदेश में लागू है।

ट्रिब्यूनल घटनास्थल के हिसाब से होगा

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने 3 नवंबर को इस कानून की जानकारी देते हुए बताया था कि जो लोग पत्थरबाजी करते हैं और शासकीय और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, उस नुकसान की वसूली के लिए एक क्लेम ट्रिब्यूनल बनाने का है। ये ट्रिब्यूनल घटना स्थल के हिसाब से भी बनेगा। जैसे यह घटना ग्वालियर (Gwalior), जबलपुर (Jabalpur) की है तो यह ट्रिब्यूनल वहां काम करेगा। 

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