इंदौर. एमपीपीएससी (MPPSC) की प्रिलिम्स और मेन्स दे चुके 3 लाख कैंडिडेट्स का भविष्य राज्य लोकसेवा आयोग और सामान्य प्रशासन (GAD) के बीच पत्र व्यवहार पर अटक गया है। सरकार ने पिछड़े वर्ग (OBC) को 14% से बढ़ाकर 27% रिजर्वेशन कर दिया। इसके बाद PSC ने राज्य सेवा परीक्षा-2019 की मेन्स के लिए गाइडेंस मांगा। GAD ने फॉर्मूला दिया कि ओबीसी के नए आरक्षण 27%, सामान्य वर्ग में तय 13% से ज्यादा छात्र लेकर मेन्स (Mains- मुख्य परीक्षा) ले लो। पीएससी ने इसी आधार पर परीक्षा भी ले ली, इसमें 10 हजार शामिल हुए। 2020 की प्री भी इसी फॉर्मूले से हुई।
गड़बड़ी ऐसे हुई
पीएससी ने जब 2019 की मेन्स के रिजल्ट के लिए राय मांगी तो जीएडी ने हाथ खड़े कर दिए। जवाब आया कि मामला कोर्ट में है, ऐसे में एडवोकेट जनरल (AG) से कानूनी सलाह लेकर काम करें।
कोर्ट में 45 पिटीशन विचाराधीन
ओबीसी रिजर्वेशन पर कोर्ट में 45 याचिकाएं विचाराधीन हैं। इसमें अंतरिम आदेश आया कि रिजल्ट जारी कर दें, लेकिन अंतिम रिजल्ट, अंतिम ऑर्डर आने के बाद ही आएगा। इसके बाद पीएससी ने जीएडी को चिट्ठी लिखी थी। पीएससी मेन्स में कुल पोस्ट के 15 गुना कैंडिडेट और इंटरव्यू में तिगुने कैंडिडेट्स को कॉल किया जाता है।
इसलिए कैंडिडेट्स परेशान
पीएससी 2019 मेन्स देने वाले 10 हजार छात्र रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। 2020 की प्रिलिम्स भी हो चुकी है, मार्क्स भी मिल गए, पर कटऑफ जारी नहीं हुआ यानी रिजल्ट नहीं आया। इसकी मेन्स रुकी हुई है। पीएससी 2021 का नोटिफिकेशन ही जारी नहीं हुआ।