वैसे तो राजनीति और बयानबाजी का गहरा रिश्ता है। 2021 में भी प्रदेश में नेताओं की बयानबाजी छाई रही। कुछ बयानों पर तो काफी बवाल भी मचा। आइए नजर डालते हैं इस साल के 10 नेताओं विवादित बयानों पर...
विवादों के दिग्विजय
5 दिसंबर (गुना): कांग्रेस की सरकार तो बन गई थी। सिंधिया जी चले गए छोड़कर और 25-25 करोड़ रुपए ले गए एक-एक विधायक का। कांग्रेस के साथ गद्दारी कर गए। इतिहास इस बात का साक्षी है, एक व्यक्ति गद्दारी करता है, तो उसकी पीढ़ी दर पीढ़ी गद्दारी पे गद्दारी करती है।
25 सितंबर (नीलम पार्क, भोपाल): जिसने बचपन से सरस्वती शिशु मंदिर से लोगों के दिल और दिमाग में दूसरे धर्मों के खिलाफ नफरत पी हो। वही नफरत का बीज धीरे-धीरे आगे बढ़कर देश में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ता है। सांप्रदायिक कटुता और धार्मिक उन्माद पैदा करता है। इससे देश में दंगे-फसाद होते हैं।
घुटना तोड़ पॉलिटिक्स
पिछले दिनों नवंबर में बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें वह हुजूर विधानसभा के कटखेड़ा गांव में कह रहे थे कि यदि कोई कांग्रेस का आदमी आए तो उसके घुटने तोड़ दो। इसके जवाब में 20 नवंबर को दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर कहा- मैं कांग्रेसी हूं, जिसमें ताकत हो तो मेरे घुटने तोड़ दे। मैं गांधीवादी हूं। हिंसा का जवाब अहिंसा से दूंगा।
विश्वास सारंग का नेहरू पर हमला
मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने 31 जुलाई में देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा है कि महंगाई एक-दो दिन में नहीं बढ़ती है और अर्थ व्यवस्थाओं की नींव एक-दो दिन में नहीं रखी जाती है। 15 अगस्त 1947 को लाल किले की प्राचीर से जवाहरलाल नेहरू ने जो भाषण दिया था। उसी भाषण के कारण देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ी।
निक्कर पहनना नहीं सीखा था, तब तो मैं सांसद था
12 अक्टूबर को खंडवा में जनसभा को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा पर निशाना साधते हुए कहा- 'वो कौन है उनका अध्यक्ष वीडी शर्मा, जब इसने निक्कर पहनना नहीं सीखा था, तब तो मैं सांसद था। ये मुझे पाठ पढ़ा रहे हैं। ये अब मुझसे प्रश्न पुछ रहे हैं कि 15 महीने में क्या किया। आओ बीजेपी के नेताओ, इस जनता को सोलह साल का हिसाब दो।
टंट्या पर बयानबाजी
- 1 दिसंबर को प्रदेश की पर्यटन और संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कोरोना से बचाव का ये मंत्र दिया है कि टंट्या भील के ताबीज से बीमार लोग स्वस्थ होते हैं।
सांसद प्रज्ञा ठाकुर के विवादित बयानों की लंबी फेहरिस्त
- 10 नवंबर: अजान का नाम लिए बगैर कहा कि सुबह 5 बजकर कुछ मिनट से बहुत जोर-जोर से आवाजें आती हैं। वो आवाजें लगातार चलती रहती हैं, सबकी नींद हराम होती रहती है।
ब्यूरोक्रेसी पर उमा भारती के बिगड़े बोल
- 20 सितंबर को पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि उमा ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी कुछ नहीं होती, हमारी चप्पल उठाती है। ब्यूरोक्रेसी की औकात क्या है? ब्यूरोक्रेसी नेता को नहीं घुमाती। सच ये है कि हम ब्यूरोक्रेसी के माध्यम से अपनी राजनीति साधते हैं। मैं मुख्यमंत्री रही, 11 साल केंद्रीय मंत्री रही, हम जानते हैं कि सच क्या है।
जनार्दन मिश्रा का पीएम की दाढ़ी पर बयान
मध्य प्रदेश के रीवा से बीजेपी सांसद जनार्दन मिश्रा ने 27 दिसंबर को कहा कि लोग सरपंच पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हैं। मैं कहता हूं कि उसने (सरपंच) 15 लाख तक का भ्रष्टाचार किया है तो भैया हमसे बात ना करो। 15 लाख से आगे अगर वो कर रहा है तो यह भ्रष्टाचार है। 7 लाख तो उसने (सरपंच) पिछले चुनाव में खर्च किए। 7 लाख अगले चुनाव में लग जाएंगे। महंगाई बढ़ी तो एक लाख और जोड़ लो।
नवंबर 2021 में जनार्दन ने कहा कि पीएम मोदी की दाढ़ी में घर ही घर हैं। वह एक बार दाढ़ी हिलाते हैं तो 50 लाख घर गिर जाते हैं।
बिसाहू का सवर्ण महिलाओं पर विवादित बयान
शिवराज सरकार में मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने 25 नवंबर को सर्वजन सुखाय सामाजिक संस्था द्वारा आयोजित नारी रत्न सम्मान समारोह में महिला अधिकारों पर बोलते हुए कहा कि बड़े-बड़े लोग और सवर्ण अपने घर की महिलाओं को समाज में कंधे से कंधा मिलाकर चलने नहीं देते। समानता लाना है तो उच्च जाति की महिलाओं को घर से खींचकर निकालो। तभी वो समानता से काम कर सकेंगी।
विधानसभा अध्यक्ष का मुख्य सचिव पर बयान
31 अक्टूबर को विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि उनके एक आदेश पर मुख्य सचिव खड़ा रहता है। वह उसे (मुख्य सचिव को) 4-4 घंटे बैठाकर रखते हैं और नहीं मिलते।
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